वाराणसी( सोनाली पटवा )– पराङकर स्मृति भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में नगर निगम, तहसील और बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए। प्रीतम कुमार मिश्र और उनके सहयोगियों ने प्रधान मंत्री पोर्टल और बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्दौली को स्वयं उपस्थित होकर और रजिस्टर्ड डाक द्वारा शिकायत दर्ज कराई कि 2009 में मेरिट के आधार पर नियुक्त एक अध्यापक के पास कूट रचित शैक्षिक योग्यता है।
शिकायत के अनुसार, उक्त अध्यापक ने दो-दो बी०एड० डिग्रियों के आधार पर नियुक्ति पाई और सरकार से करोड़ों रुपये अर्जित किए। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने केवल अध्यापक से शपथ पत्र लेकर रिपोर्ट लगा दी कि काउन्सलिंग के समय दी गई शैक्षिक योग्यता सही है।
प्रार्थी ने 1983 की इंटरमीडिएट की क्रॉस लिस्ट, 1985 की स्नातक की अंकपत्र म० गॉ० का०वि०पी० और 1991 की पू०वि०वि० जौनपुर से संबंधित सकलडीहा डिग्री कॉलेज की डिग्री को प्रस्तुत किया, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें अनदेखा कर मामले का निस्तारण कर दिया। इस लापरवाही से प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति और शिक्षा के गिरते स्तर का सामना करना पड़ रहा है।
प्रार्थी ने उच्चस्तरीय अधिकारियों से इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की मांग की है ताकि प्रदेश और जिला को फर्जी अध्यापकों और भ्रष्ट अधिकारियों से मुक्त किया जा सके।