नई पार्टी का एलान के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। स्वामी के हमलों में अखिलेश के साथ-साथ राम गोपाल यादव भी हैं। अखिलेश ने भी इस पर पलटवार किया है। अपनी नई पार्टी के एलान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। इन रिश्तों में अब जुबानी जंग भी शामिल हो गई है। सपा एमएलसी और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सोमवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव पर बरसे। उन्होंने अखिलेश के लाभ देने के बयान पर कहा कि जब आप (अखिलेश) लाभ देने की स्थिति में न हों, तब इस तरह की शेखचिल्ली वाली बातें बघारना उचित नहीं हैं।उन्होंने कहा कि अखिलेश को यह जानने की जरूरत नहीं है कि उनके दिल में क्या है। यह तो उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्पष्ट कर दिया है। पद से इस्तीफा देने के एक दिन पहले अखिलेश से मिलकर भी पूरी स्थिति साफ कर दी थी। कहा कि अखिलेश के बयान से ऐसे लगता है कि मानो सपा की सरकार हो और वह मुझे लाभ दे रहे हों। मैंने हमेशा पद से ज्यादा विचारों को तरजीह दी है। स्वामी ने कहा कि तमाम छुटभैय्ये नेता भी उनके खिलाफ शेखचिल्ली बघारने लगे है। सपा अध्यक्ष का उन पर लगाम न लगाना और उनके पत्र को गंभीरता से न लिया जाना, इस बात का प्रतीक है कि ऐसे तत्वों के पीछे अखिलेश यादव की शह थी।