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बीएचयू परिसर में छात्र आंदोलन: वार्डन पर थप्पड़ मारने का आरोप

बीएचयू परिसर में छात्र आंदोलन
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के परिसर में गुरुवार की आधी रात को अचानक माहौल गर्म हो गया। एलबीएस हॉस्टल के छात्रों ने अपने वार्डन पर एक छात्र को थप्पड़ मारने का गंभीर आरोप लगाते हुए हॉस्टल के सामने रास्ता जाम कर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान छात्र वार्डन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

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खाने की गुणवत्ता को लेकर विवाद

छात्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनके हॉस्टल की मेस में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई थी। इसके चलते उन्होंने पास के धनवंतरि हॉस्टल में चल रही मेस के मेस महाराज से संपर्क किया और वहां खाने की व्यवस्था की। छात्र पिछले कुछ दिनों से वहीं खाना खा रहे थे।

मेडिकल छात्रों के दुर्व्यवहार का आरोप

बुधवार की रात को, जब एलबीएस हॉस्टल के छात्र धनवंतरि हॉस्टल में खाना खा रहे थे, तब वहां रहने वाले मेडिकल छात्रों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि मेडिकल छात्रों ने न केवल विरोध कर रहे छात्रों की तस्वीरें खींचीं, बल्कि उन्हें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया।

वार्डन द्वारा थप्पड़ मारने का दावा

इस घटना की जानकारी देने के लिए कुछ छात्र चीफ प्रॉक्टर ऑफिस जा रहे थे। उसी दौरान, एलबीएस हॉस्टल के वार्डन ने कथित तौर पर एक छात्र को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप वे धरने पर बैठ गए।

छात्रों की मांगें और नारेबाजी

धरने पर बैठे छात्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक वार्डन इस्तीफा नहीं देंगे और मेडिकल छात्र माफी नहीं मांगेंगे, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों ने यह भी मांग की कि खाने की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि धनवंतरि और एलबीएस हॉस्टल के छात्रों के बीच हुई कहासुनी के कारण स्थिति बिगड़ी है। उन्होंने बताया कि छात्रों को मनाने और विवाद सुलझाने के लिए बातचीत की जा रही है। इसके अलावा, नियमानुसार उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

सामाजिक समरसता पर सवाल

यह घटना न केवल बीएचयू के प्रशासन के लिए बल्कि समूचे विश्वविद्यालय समुदाय के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। यह साफ है कि इस विवाद के पीछे खाने की गुणवत्ता और छात्रों के बीच आपसी सहयोग की कमी प्रमुख कारण हैं।

आंदोलन के निहितार्थ

छात्रों का यह आंदोलन केवल खाने की गुणवत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बीएचयू प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है। छात्रों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय पर हस्तक्षेप किया होता, तो इस तरह की स्थिति पैदा नहीं होती।

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