सुल्तानपुर की राजनीति में मेनका संजय गांधी एक विशेष स्थान रखती हैं। हालांकि वे इस बार चुनाव हार गई हैं, लेकिन उनके विकास कार्य अभी भी जारी हैं। यह एक मां का दिल ही है, जो अपने क्षेत्र की चिंता करती है।
सुल्तानपुर के राजनीतिक इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि चुनाव हारने के बावजूद किसी पूर्व सांसद द्वारा विकास कार्य कराए जा रहे हैं। लोग उन्हें स्नेहपूर्वक ‘माताजी’ कहकर पुकारते थे, और आज भी उनकी कमी महसूस होती है। उनकी यादें सुल्तानपुरवासियों को गमगीन कर देती हैं।
पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश भाजपा की योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिससे सुल्तानपुर में पुनः विकास कार्य शुरू हो गए हैं। यह तथ्य महत्वपूर्ण है क्योंकि अब मेनका गांधी सुल्तानपुर की सांसद नहीं हैं, फिर भी उनकी प्रतिबद्धता और सेवा भाव ने उन्हें सुल्तानपुरवासियों के दिलों में विशेष स्थान दिलाया है।
सुल्तानपुर से संतोष पाण्डेय की रिपोर्ट।