वाराणसी -दशाश्वमेध घाट पर दो पर्यटक गंगा में डूबने लगे, तभी नाविक प्रेम सागर ने बहादुरी दिखाते हुए कूदकर दोनों की जान बचा ली। नाविक ने सीपीआर देकर उन्हें होश में लाया। एनडीआरएफ और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था और चेतावनी बोर्ड मजबूत करने के निर्देश दिए। दशाश्वमेध घाट पर रविवार को बड़ा हादसा टल गया, जब दिल्ली से आए दो पर्यटक गंगा नदी में डूबने लगे। मौके पर मौजूद नाविक प्रेम सागर ने अपनी हिम्मत और समझदारी से दोनों की जान बचा ली। प्रशासन और लोगों ने भी नाविक की बहादुरी को सराहा। जानकारी के मुताबिक, कुछ पर्यटक गंगा में स्नान कर रहे थे। इसी दौरान दो लोग गहरे पानी की ओर बढ़ गए और तेज बहाव में डूबने लगे। आसपास मौजूद लोग घबरा गए, लेकिन नाविक प्रेम सागर ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी और दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। नदी से निकालने के बाद दोनों की हालत गंभीर थी और उनकी सांसें रुकने लगी थीं। ऐसे में प्रेम सागर ने तुरंत सीपीआर देना शुरू किया। कुछ ही मिनटों में दोनों ने सांस लेना शुरू कर दिया, जिससे मौके पर मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। घटना की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि दशाश्वमेध घाट समेत काशी के सभी घाटों पर पिछले कई दिनों से चेतावनी जारी की गई है कि कोई भी श्रद्धालु गहरे पानी में न जाए। घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। प्रमुख घाटों पर बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं ताकि कोई भी व्यक्ति निर्धारित सीमा से आगे न जा सके। और चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं ताकि कोई भी व्यक्ति निर्धारित सीमा से आगे न जा सके। नाविक प्रेम सागर ने कही दिल छू लेने वाली बात नाविक प्रेम सागर ने बताया, जैसे ही देखा कि दोनों यात्री पानी में गिर गए, मैंने बिना सोचे कूद पड़ा। गंगा मां की कृपा से दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल पाया। मैंने पहले एनडीआरएफ की ट्रेनिंग ली थी, इसलिए सीपीआर देना जानता था। मुझे खुशी है कि मैं किसी की जान बचा सका। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रेम सागर की जमकर सराहना की। सभी ने कहा कि अगर वह समय पर नहीं पहुंचते, तो एक बड़ी त्रासदी हो सकती थी। प्रशासन ने भी नाविक की बहादुरी को सराहते हुए सम्मानित करने की बात कही है।
दशाश्वमेध घाट पर डूबते दो यात्रियों की नाविक ने बचाई जान
