RS Shivmurti

आस्था के प्रचंड पलट प्रवाह से पटीं सड़कें, गलियां व घाट

खबर को शेयर करे
RS Shivmurti

श्रीकाशी विश्वनाथ दर्शन के लिए सड़क व गंगा किनारे लगी चार किमी लंबी कतार

RS Shivmurti

बाबा काल भैरव की झलक पाने के लिए डेढ़ किमी कतार में श्रद्धालु कर रहे जद्दोजहद

मंगलवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए गोदौलिया चौराहे पर उमड़े श्रद्धालु।

वाराणसी -महाकुंभ के पलट प्रवाह ने बनारस को जकड़ लिया है। मौनी अमावस्या से पहले लाखों श्रद्धालु विश्वनाथ धाम, कालभैरव, मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध, लक्सा और सोनारपुरा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उमड़ पड़े हैं। शहर की सड़कों और गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की चार किलोमीटर लंबी कतारें लगी हैं। वाहनों का रेला सड़कों पर जमकर फंसा है, और गलियां भी पूरी तरह से पैक रह रही हैं। गोदौलिया से गिरजाघर चौराहा और विश्वनाथ धाम तक का मार्ग पैदल चलने के लिए अत्यधिक कठिन हो गया। लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ रहे। यही हाल दशाश्वमेध से मैदागिन, चौक, गोदौलिया, सोनारपुरा समेत अन्य प्रमुख क्षेत्रों का है। इन क्षेत्रों के सम्पर्क मार्ग भी पूरी तरह से जाम की चपेट में हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अपने अफसरों को मैदान में उतारा और बैरिकेडिंग के जरिए श्रद्धालुओं की तीन कतारें लगवाकर उन्हें अनुशासित किया। हालांकि पुलिस के हटते ही कतारों में आगे बढ़ने की होड़ की स्थिति बनी है। काशी विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद सुबह से दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान गेट नंबर चार, गंगा तट और सरस्वती फाटक जैसे प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा देखी गई। श्रद्धालुओं का काशी में ठहराव और राजस्व में वृद्धि बनारस में 27 से 30 जनवरी के बीच 35 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। यह संख्या देव दीपावली के आयोजन में आए श्रद्धालुओं से दोगुनी से अधिक है। काशी के विभिन्न इलाकों में जैसे गौदोलिया, मैदागिन, और लक्सा में भारी भीड़ और जाम का सामना करना पड़ रहा है। होटल, लॉन्ज और गेस्ट हाउस भी फुल हैं और टैरिफ में 3 से 4 गुना की वृद्धि हो गई है। सामान्य दिनों में 1200 रुपए में मिलने वाला होटल 4000 रुपए तक बुक हो रहा है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने 1100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो शहर की इकोनॉमी के लिए विशेष लाभकारी है।
नाविकों का कारोबार बढ़ा-नाविकों को भी इस भीड़ से फायदा हुआ है। पहले दिन में एक या दो चक्कर लगाते थे, अब पूरे दिन में चार से पांच चक्कर लगा रहे हैं। नाविक प्रति सवारी 100 से 200 रुपये ले रहे हैं, जबकि पूरी नाव की बुकिंग के लिए 2000 से 5000 रुपये तक चार्ज किए जा रहे हैं।सोशल मीडिया पर काशी का क्रेज-
सोशल मीडिया पर काशी का क्रेज काफी बढ़ गया है। श्रद्धालु काशी के गलियों, घाटों और यहां के स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हुए उसकी तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहे हैं। गंगा घाटों पर होने वाली आरती और काशी की सांस्कृतिक महत्ता ने देश-विदेश में काशी की पहचान को और अधिक प्रचलित किया है।
श्रद्धालुओं ने काशीवार्ता से बांटे अनुभव- वाराणसी पहुंचे श्रद्धालु अपनी यात्रा को लेकर विभिन्न अनुभव साझा कर रहे हैं। जम्मू की नीलम गुप्ता ने कहा कि दर्शन के लिए 6 से 7 घंटे की लंबी लाइन लगी थी, लेकिन प्रशासन ने व्यवस्थाएं बेहतर की हैं। वहीं, प्रयागराज से आई मालिनी ने कहा कि भारी भीड़ देखकर उनकी हिम्मत टूट गई और वे वापस आ गईं।

इसे भी पढ़े -  काशी सांसद रोजगार मेला में है नौकरी पाने का सुनहरा अवसर
Jamuna college
Aditya