पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने की सरकार की योजना
वाराणसी -उपभोक्ता बाजार में
सामान्य मिल आटा का रेट प्रति किलो चालीस को पार कर गया है। पांच किलो पैकिंग में प्रतिष्ठित ब्रांड के आटे का रेट 60 को पार कर चुका है। सरकारी गोदामों की बात करें तो देश में चावल का भंडार रिकार्ड उच्च स्तर पर है। यह सरकार के भंडारण लक्ष्य का आठ गुना है लेकिन गेहूँ के भण्डार में गिरावट आई है। फिलहाल पिछले पांच साल के औसत स्टाक 267 लाख टन से काफी कम एक जनवरी को गेहूं का स्टाक 184 लाख टन रहा। सरकार ने चावल की बिक्री बढ़ाने, , खाद्य सुरक्षा में आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों के लिए एफसीआई चावल के रेट में करीब बीस फीसदी की भारी कटौती की है। खाद्य मंत्रालय के आदेश के अनुसार 2800 से घटाकर 2250 रुपए हुए रेट पर इथेनॉल डिस्टिलरीज को 24 लाख टन एवं राज्य सरकारें और राज्य संचालित निगम को 12 लाख टन तक चावल खरीदने की अनुमति है। साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से चावल के स्टाक का प्रबंधन करने वाला भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) आगामी
- सरकारी गोदामों में चावल का भंडार लक्ष्य से आठ गुना अधिक
- पिछले पांच साल के औसत से अभी गेहूँ का भंडार काफी कम 30 जून तक इस संशोधित नीति को लागू रखेगा। निजी व्यापारियों और सहकारी समितियों को 2800 रुपए प्रति क्विंटल का ही भुगतान करना होगा। ‘भारत’ ब्रांड ड के तहत बिक्री करने पर नेफेड, एनसीसीएफ और केन्द्रीय भंडार जैसी केन्द्रीय सहकारी समितियों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर चावल उपलब्ध कराया जाएगा। खाद्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि वर्ष 2024-25 के दौरान इथेनॉल के लिए तीसरे चक्र की निविदा में एफसीआई चावल का उपयोग किया जाना चाहिए। केन्द्र सरकार ने 2023 में इथेनॉल डिस्टिलरीज को एफसीआई से चावल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसेअगस्त 2024 में हटा दिया था। प्रतिबंध हटाकर सरकार ने केन्द्रीय पूल से 23 लाख टन चावल खरीद की अनुमति दी थी लेकिन ऊंची कीमत से इथेनॉल निर्माताओं ने सरकार से चावल खरीदने में रूचि नहीं दिखाई। केन्द्रीय पूल में चावल का भंडार काफी अधिक बढ़ जाने से सरकार ने नीति में संशोधन कर इथेनॉल निर्माताओं के लिए चावल का रेट 28 से घटाकर साढ़े 22 रुपए कर दिया है। केन्द्र सरकार ने 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। गत दिसम्बर में इथेनॉल मिश्रण 18.2 प्रतिशत तक पहुंच गया जो अबतक का सर्वाधिक है। सरकारी आंकड़ो के अनुसार एक जनवरी को सरकारी गोदामों में 609 लाख टन चावल का भंडार था जबकि सरकारी लक्ष्य मात्र 76 लाख टन था। कुछराज्यों में अभी भी धान की खरीद चल रही है इसलिए गोदाम में चावल का स्टाक नहीं घटा तो भंडारण क्षमता बढ़ानी पड़ेगी। अनाज के व्यापारियों का मानना है कि गेहूँ का भंडार संतोषजनक नही है। इसीलिए सरकार खुले बाजार मे काफी छोटी-छोटी मात्रा में गेहूं बेच रही है। सरकार ने रबी विपणन सत्र के लिए तीन करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। अनेक प्रदेशों में गेहूं की बोवाई पूरी हो चुकी है। गेहूं की मौजूदा फसल की स्थिति अनुकूल बताई जाती है।