चंदौली: विभिन्न जनपदों में अवैध गांजा और शराब की खुलेआम बिक्री जारी है। यह गतिविधियाँ खासकर थाना क्षेत्रों में जोरों पर हैं, जहाँ पुलिस और स्थानीय अपराधी मिलकर इस कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार, कई जगहों पर भांग के लाइसेंस के नाम पर गांजा बेचा जा रहा है, और इसमें पुलिस की मिलीभगत भी बताई जा रही है।
सैयद राजा थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार
सैयद राजा थाना क्षेत्र के भतीजा मोड पर स्थित दुधारी परिवार ने कथित रूप से स्थानीय पुलिस के संरक्षण में भांग के लाइसेंस का गलत इस्तेमाल किया है। यहां पर गांजा खुलेआम बेचा जा रहा है, और दुकानदारों से हर महीने ₹25,000 से ₹30,000 की मोटी रकम वसूली जा रही है। इस तरह के अवैध कारोबार को लेकर स्थानीय लोग कई बार शिकायतें भी कर चुके हैं, लेकिन पुलिस का कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है।
पुलिस की मिलीभगत: एक बड़ा सवाल
यहां तक कि गांजा बेचने के लिए दुकानदारों को पुलिस से संरक्षण प्राप्त है, जिससे वे बिना डर के अपने कारोबार को चला रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक पुलिस की मिलीभगत बनी रहती है, तब तक इस तरह के अपराध बढ़ते जाएंगे। इसके अलावा, यूपी और बिहार के बॉर्डर क्षेत्रों में खुलेआम शराब की बिक्री भी हो रही है, जहां दुकानदार पुलिस को भारी रकम देकर अपने धंधे को चलाते हैं।
शराब का अवैध कारोबार: एक और गंभीर मुद्दा
उत्तरप्रदेश में तो खुलेआम शराब की सप्लाई की जाती है। यहां पर भी, शराब के कारोबारी पुलिस से संरक्षण प्राप्त करते हैं और अपनी अवैध गतिविधियों को बेरोकटोक चलाते हैं। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों से पैसा नहीं लिया जाता, उनकी शराब पकड़ी जाती है, और इसके बाद उन पर कार्रवाई करके ‘गुड वर्क’ दिखाने का प्रयास किया जाता है। यह स्थिति दिखाती है कि पुलिस के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इन गतिविधियों को चलाना लगभग असंभव है।
क्या कार्रवाई होगी?
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उच्च अधिकारी इन घटनाओं पर कब और क्या कार्रवाई करते हैं। यदि समय रहते इस अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह आगे बढ़कर एक गंभीर समस्या बन सकती है। यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है, जिससे युवाओं की तबाही हो सकती है। अब यह देखना बाकी है कि क्या पुलिस और प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हैं, और क्या इस पर जल्द कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या नहीं।
इस प्रकार, अवैध गांजा और शराब का कारोबार स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से फल-फूल रहा है, और यदि इसे रोकने के लिए कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सिलसिला बढ़ता ही जाएगा।