दिनांक 02.07.2024 को एक स्व० आरक्षी की पत्नी / मृतक आश्रित आवेदिका द्वारा पुलिस आयुक्त वाराणसी से मिलकर शिकायत की गयी कि वह पिछले 06 माह से अपनी मृतक आश्रित भर्ती से संबंधित फाइल के लिये उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर के पास चक्कर लगा रही है, उसकी पत्रावली की सभी कार्यवाही पूर्ण हो गयी है परंतु उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर द्वारा उसे आगे प्रेषित नही किया जा रहा है।
इस संबंध में पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा उक्त मृतक आश्रित स्व) आरक्षी हेमन्त कुमार की पत्रावली को मंगाकर अवलोकन करने से पाया गया कि प्रकरण मे समस्त कार्यवाही दिसंबर 2023 को पूर्ण हो चुकी थी और पुलिस उपायुक्त मुख्यालय द्वारा भी संस्तुति सहित अपना हस्ताक्षर कर दिया गया था परंतु संबंधित लिपिक द्वारा पिछले 06 माह से किन्ही कारणों से पत्रावली पुलिस मुख्यालय लखनऊ प्रेषित नही की गयी थी।
पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर के पास मृतक आश्रित सेवायोजन से संबंधित पत्रावलियों की समीक्षा की गयी तो 09 पत्रावलियां लंबित पायी गयी जिसे दबाकर रखागया था, जिसमें कमिश्नरेट स्तर से समस्त कार्यवाही पूर्ण हो चुकी थी परंतु कतिपय कारणो से उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर द्वारा इन पत्रावलियो को पुलिस मुख्यालय प्रेषित नही किया गया जिसके कारण मृतक आश्रित आवेदक पुलिस अधिकारियो के यहां चक्कर काट रहे है। इस पर तत्काल उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर के निलंबन की कार्यवाही की गयी व विभागीय कार्यवाही की जा रही है। उल्लेखनीय है कि उ0नि0 (लिपिक) राजकिशोर स्वयं मृतक आश्रित सेवायोजन के तहत नियुक्त हुए है फिर भी इन्हें मृतक आश्रित आवेदको के प्रति संवेदनशील होना नहीं पाया गया।
पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा तत्काल लंबित 09 पत्रावलियो को एक सहायक पुलिस आयुक्त के पर्यवेक्षण मे उ0प्र0 पुलिस मुख्यालय लखनऊ प्रेषित कराया गया।
पुलिस आयुक्त द्वारा पुलिस कार्यालय मे नियुक्त समस्त लिपिको को कड़े निर्देश देते हुये सचेत किया गया कि उनके पास पुलिस कर्मियो के कल्याण से संबंधित कोई (जैसे-मेडिकल, यात्रा भत्ता, स्थानान्तरण भत्ता, पेन्शन आदि) भी पत्रावली बेवजह लंबित पाये जाने पर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।