

भारतीय सब्ज़ी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में आज बुद्धवार को पार्थेनियम (गाजर घास) उन्मूलन एवं जागरूकता पखवारे का आयोजन किया गया।जहाँ कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों, वैज्ञानिकों,कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को इस हानिकारक खरपतवार से होने वाले दुष्प्रभावों तथा इसके नियंत्रण उपायों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान कार्यवाहक निदेशक डॉ नागेन्द्र राय ने बताया कि पार्थेनियम एक आक्रामक खरपतवार है जो न केवल फसलों की उत्पादकता को प्रभावित करता है, बल्कि मानव, पशु एवं पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है। इसके परागकण से श्वसन एवं त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं। डॉ राय ने अपने संबोधन में कहा कि पार्थेनियम का प्रभावी प्रबंधन सामुदायिक सहभागिता से ही संभव है। उन्होंने जैविक नियंत्रण, यांत्रिक उखाड़ाई तथा सुरक्षित निपटान के उपायों पर बल दिया। इस अवसर पर संस्थान के शोध प्रक्षेत्र में प्रधान वैज्ञानिक डॉ सिधार्थ कुमार सिंह के देख रेख में सामूहिक श्रमदान कर पार्थेनियम उन्मूलन अभियान चलाया गया तथा प्रतिभागियों को इसके वैकल्पिक उपयोग एवं नियंत्रण तकनीकों की जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों, शोधार्थियों एवं शोध अध्येयातवों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

