RS Shivmurti

ओसामु सुजुकी: भारत को मोटर वाहन उद्योग में महाशक्ति बनाने वाले नेता

ओसामु सुजुकी: भारत को मोटर वाहन उद्योग में महाशक्ति बनाने वाले नेता
खबर को शेयर करे
RS Shivmurti

ओसामु सुजुकी, जिनकी दूरदर्शिता और अडिग निष्ठा ने भारत को मोटर वाहन उद्योग में महाशक्ति बना दिया, का निधन हो गया। वह व्यक्ति जिन्होंने भारत में वाहन उद्योग के भविष्य की दिशा तय की और जोखिम उठाकर एक नया इतिहास रचा। उनका योगदान केवल एक उद्योग तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने में भी उनकी अहम भूमिका रही।

RS Shivmurti

भारत में ओसामु सुजुकी का प्रवेश

ओसामु सुजुकी का भारत में प्रवेश एक ऐसे दौर में हुआ था, जब भारत की अर्थव्यवस्था लाइसेंस व्यवस्था के तहत काम कर रही थी। भारतीय बाजार बाहरी दुनिया से लगभग कट चुका था। ऐसे समय में ओसामु ने मारुति उद्योग लि. के साथ 1981 में साझेदारी की और भारतीय सरकार से संयुक्त उद्यम बनाने का जोखिम उठाया। इस फैसले ने न केवल भारतीय मोटर वाहन उद्योग का भविष्य बदला, बल्कि भारत को वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया।

रिजेक्टेड ऑटोमोबाइल बाजार

जब ओसामु ने भारत में अपना कदम रखा, तब भारत का ऑटोमोबाइल बाजार एक बेहद संकुचित बाजार था। भारतीय लोग अधिकतर सस्ती और उपयोगिता आधारित गाड़ियों को पसंद करते थे, और उस समय भारतीय बाजार में बाहरी कंपनियों की उपस्थिति न के बराबर थी। ओसामु ने यह समझा कि भारत में गाड़ियों की सस्ती और विश्वसनीय मांग है, और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने भारत में मारुति सुजुकी का रूपांतरण किया।

ओसामु सुजुकी का योगदान

मारुति सुजुकी के साथ भारत में ओसामु का असाधारण योगदान भारतीय मोटर वाहन उद्योग में एक क्रांति लेकर आया। उन्होंने न केवल भारतीय बाजार के लिए गाड़ियों का निर्माण किया, बल्कि उन्होंने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता, विश्वसनीयता और किफायती कीमतों वाली गाड़ियां उपलब्ध कराई। इसने भारतीय बाजार में मोटर वाहन के प्रति सोच को बदल दिया और देश को वाहन निर्माण में आत्मनिर्भर बनाया।

इसे भी पढ़े -  माइलेज के मामले में बेस्ट कारें और इन्हें खरीदने के फायदे

विश्व स्तर पर मानक स्थापित करना

ओसामु ने भारतीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक वाहन उद्योग के लिए भी मानक स्थापित किए। उनके नेतृत्व में, मारुति सुजुकी ने उच्च गुणवत्ता के वाहन बनाए, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। उन्होंने भारतीय निर्माताओं के लिए एक मजबूत आपूर्ति शृंखला तैयार की, जिससे न केवल उद्योग बल्कि अनगिनत छोटे व्यवसाय भी लाभान्वित हुए।

जोखिम उठाने की अद्वितीय इच्छाशक्ति

मारुति सुजुकी की सफलता में ओसामु की दूरदर्शिता और नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने भारत में आने के लिए जोखिम उठाया और भारतीय अर्थव्यवस्था के उस समय के जटिल माहौल में भी अपनी कंपनी को खड़ा किया। आरसी भार्गव, जो मारुति सुजुकी के चेयरमैन हैं, उनका मानना है कि यदि ओसामु सुजुकी का मार्गदर्शन और नेतृत्व नहीं होता, तो भारतीय मोटर वाहन उद्योग उस स्थान पर कभी नहीं पहुंचता, जहां वह आज है। उनकी जोखिम उठाने की इच्छाशक्ति और लगातार अपने विचारों को साकार करने की क्षमता ने उन्हें सफलता दिलाई।

कभी न हार मानने की भावना

ओसामु के नेतृत्व में मारुति सुजुकी ने न केवल भारतीय बाजार में अपने पैर जमाए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी खुद को साबित किया। उनका मानना था कि यदि एक बार आप लक्ष्य को पहचान लें, तो उसे पाने के लिए किसी भी चुनौती से जूझने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। उनके इस दृष्टिकोण ने भारतीय मोटर वाहन उद्योग के लिए एक नए युग की शुरुआत की, जहां तकनीकी विकास और गुणवत्ता को प्राथमिकता दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी से करीबी संबंध

ओसामु के भारत में प्रवेश के बाद उन्होंने भारतीय नेताओं के साथ अच्छे संबंध बनाए और उनका विश्वास जीता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी करीबी दोस्ती और सामंजस्यपूर्ण संबंध थे, जो उनके दृष्टिकोण और कार्यप्रणाली को प्रभावित करते थे। प्रधानमंत्री मोदी का मानना था कि ओसामु ने भारत में उद्योग को स्थापित करने में एक निर्णायक भूमिका निभाई और इस यात्रा में उन्होंने हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।

इसे भी पढ़े -  ऑनलाइन पेमेंट करने वालों के लिए अहम खबर

अधिकारिक बयान

आरसी भार्गव के अनुसार, ओसामु ने भारत में कई प्रधानमंत्रियों का विश्वास जीता और उनके समर्थन से मारुति सुजुकी को एक वैश्विक कंपनी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। उनका यह विश्वास और संबंध भारत के लिए फायदेमंद साबित हुआ, जिससे न केवल भारतीय उद्योग बल्कि भारत-जापान संबंध भी मजबूत हुए।

ओसामु सुजुकी की दूरदर्शिता और पद्म भूषण सम्मान

ओसामु सुजुकी का योगदान सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि को भी बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, मारुति सुजुकी ने न केवल भारतीय उद्योग को नया आकार दिया, बल्कि लाखों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में भी योगदान दिया।

पद्म भूषण सम्मान

भारत सरकार ने ओसामु सुजुकी के योगदान को सराहा और उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान और भारत और जापान के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए था। उनका यह सम्मान उनके दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक है, जो केवल भारतीय मोटर वाहन उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र भारतीय उद्योग के लिए एक प्रेरणा बना।

Jamuna college
Aditya