

नई नियमावली से दूर हुई वर्षों पुरानी समस्याएं, विभाग बना सुशासन का प्रतीक
लखनऊ। प्रदेश में योगी सरकार के प्रयासों से अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। वर्ष 2017 से पहले जहां एनओसी प्राप्त करने के लिए आवेदकों को विभाग के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब ऑनलाइन प्रक्रिया और स्पष्ट मानकों के चलते एनओसी 15 दिन के भीतर जारी हो रही है। किसी प्रकार की आपत्ति होने पर भी सात दिनों में आवेदक को सूचना दी जा रही है। अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अग्निशमन सेवाओं को जनहित के अनुरूप आधुनिक और पारदर्शी बनाया गया है। वर्ष 2018 में एनओसी प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन किया गया, जिसके बाद आवेदकों को घर बैठे सुविधा
उप्र की योगी सरकार ने बदली कार्यप्रणाली ऑनलाइन होने से लोगों को बड़ी राहत
मिलने लगी। वर्ष 2022 में लो-राइज भवनों के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम और ढांचागत मानकों को व्यावहारिक बनाया गया, वहीं वर्ष 2023 में सिंगल विंडो पोर्टल की शुरूआत कर उद्यमियों और आमजन के लिए प्रक्रिया को और सरल किया गया।
वर्ष 2024 में लागू हुई उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावली ने विभागीय प्रक्रियाओं की जटिलताओं को समाप्त कर व्यावहारिक और तर्कसंगत व्यवस्था दी है। अब सेटबैक की जगह ‘एक्सेस टू बिल्डिंग’ पर फोकस किया जा रहा है, स्टेयर की चौड़ाई ऑक्यूपेंट लोड आधारित तय हो रही है, और वॉटर टैंक की कुल मात्रा कहीं भी उपलब्ध कराना अनुमन्य कर दिया गया है। संकरे कस्बों और पुराने इलाकों में भी अब पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई के अनुरूप नियम लागू किए जा रहे हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप अग्निशमन विभाग अब केवल अग्नि दुर्घटनाओं से निपटने तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि सुशासन, नागरिक सुविधा और तकनीकी नवाचार का उदाहरण बन गया है। विभागीय पुनर्गठन और जनशक्ति विस्तार की दिशा में भी कार्य जारी है, ताकि आपात परिस्थितियों में और अधिक प्रभावी सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।

