शारदीय नवरात्र पर्व को देखते हुए नगर निगम ने इस बार पूरी तैयारी कर ली है। मीडिया से बातचीत करते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि पूजा पंडाल समितियों के साथ वार्तालाप हो चुका है और सभी जोनल अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी किया गया है। निगम का विशेष जोर इस बार स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर है।
आयुक्त ने बताया कि दुर्गा पंडालों के आयोजकों से अपील की गई है कि वे केवल इको-फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग करें तथा हानिकारक रसायनों का प्रयोग न करें। इसके साथ ही पंडालों में आने वाले श्रद्धालुओं को भी प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस उद्देश्य से निगम की टीम मौके पर पहुंचकर लोगों को जागरूक करेगी और बायोडिग्रेडेबल बैग उपलब्ध कराएगी। कूड़े के उचित निस्तारण के लिए समितियों को विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
नगर निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पंडालों के रास्तों पर लाइट और सफाई की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा सीवर का पानी कहीं न बहने पाए। आयुक्त ने कहा कि हर जोन में मूर्तियों के विसर्जन के लिए 7 से 8 अस्थाई कुंड चिन्हित किए गए हैं, जहां मूर्तियों का विसर्जन होगा। इन स्थलों पर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है ताकि विसर्जन के बाद 24 घंटे के भीतर साफ-सफाई पूरी हो सके।
नगर निगम का प्रयास है कि इस बार पवित्र जलाशयों और कुंडों में मूर्तियों का विसर्जन न होकर केवल अस्थाई कुंडों में ही हो। इसके लिए पंडाल समितियों से सहमति बन चुकी है। मूर्ति विसर्जन के बाद निगम की विशेष टीम मूर्तियों को निकालकर उनका उचित निस्तारण करेगी।
आयुक्त ने विश्वास जताया कि इन तैयारियों से इस बार नवरात्रि का पर्व पूरी तरह स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल ढंग से मनाया जाएगा।