अयोध्या। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का आधुनिक उपकरणों से लैस हजमत वाहन प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निगरानी करेगा। हवा में केमिकल, परमाणु आदि के खतरों को इससे टाला जा सकेगा। दिल्ली में जी-20 के सफल आयोजन के बाद दूसरी बार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के हजमत वाहन की तैनाती राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक दिन पहले 21 जनवरी रविवार को होगी। 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम लला का प्रतिष्ठा समारोह है। एनडीआरएफ का यह वाहन रामनगरी पहुंच चुका है। रामजन्मभूमि परिसर से सटे अमावा मंदिर के पास इस वाहन की तैनाती, जिससे किसी भी प्रकार की आपदा के प्रकाेप से बचाने के लिए हवा में ही निष्प्रभावी किया जा सके। ‘हजमत’ में उच्चावृति रेडियो तंरग (हाई फ्रीक्वेंसी) के सेंसर लगे हैं जो हवा में फैलाए जाने वाले खतरनाक पदार्थों के अटैक (आपदा) को दूर से ही डिडेक्ट कर नजदीक आने से पहले उसे बेअसर कर देते हैं। डिफेंस रिसर्च डवलेपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) से निर्मित हजमत का पहली बार प्रयोग जी-20 कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए सफलता पूर्वक हो चुका है, जिसमें दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने दिल्ली आए थे। जी-20 के बाद दूसरी बार उसे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की फूलप्रूफ सुरक्षा के लिए लाया गया है। ‘हजमत’ की तैनाती के पीछे मकसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को रासायनिक, परमाणु व बायोलाजिकल (सीबीआरएन) खतरे की आशंकाओं से मुक्त रखना है। उच्च क्षमता के सेंसर लगे होने से यह वाहन खतरनाक पदार्थों को दूर से डिटेक्ट कर टीम को जानकारी देगा। ‘हजमत’ के संदेश के बाद तत्काल एक्शन में आकर टीम उसे उसे निष्क्रिय कर देगी।एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी वाराणसी के डीआइजी मनोज कुमार शर्मा व उनकी टीम अयोध्या पहुंच चुकी है। इसके अलावा क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ व गोरखपुर की टीम भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में तैनात की गयी है। हजमत के साथ टीम की तैनाती 21 से 23 जनवरी तक के लिए रामनगरी में की गई है। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर रामयज्ञ शुक्ल व जिला आपदा विशेषज्ञ यथार्थ तिवारी के अनुसार हर प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ सक्षम है। आधुनिक संसाधनों से लैस वाहन उसके पास हैं। सीबीआरएन के अलावा दूसरी टीम स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएसआर) भवन आदि ढहने से बचाव कार्य के लिए एवं तीसरी टीम की सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर रेस्क्यू मोटर बोट,गोताखोर, पैरामेडिकल, लाइफ जैकेट आदि के साथ तैनाती है।