
मंडलायुक्त द्वारा दुर्गा नाला, वरुणा कॉरिडोर, चौकाघाट सीवेज पंपिंग स्टेशन समेत कोनिया मेन पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया गया
सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ वर्तमान क्षमता को बढ़ाया जायेगा: मंडलायुक्त
दुर्गा एसटीपी हेतु अंश निर्धारण की प्रक्रिया को अतिशीघ्र पूरा किया जाये: मंडलायुक्त
वरुणा कॉरिडोर हेतु सिंचाई विभाग को उचित प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश
कॉरिडोर पर एलिवेटेड सड़क बनाकर ट्रैफिक की समस्या को कम किया जायेगा
वाराणसी। मंडलायुक्त एस राजलिंगम द्वारा प्रदूषण की समस्याओं से निपटने तथा शहर की सीवरेज व्यवस्था को और दुरुस्त करने तथा संचालित विभिन्न एसटीपी की वर्तमान क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से वरुणा नदी पर स्थित विभिन्न पंपिंग स्टेशनों तथा नालों का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के क्रम में सर्वप्रथम मंडलायुक्त द्वारा दुर्गा नाले पर बनने वाले एसटीपी को लेकर जल निगम की तैयारियों के संबंध में निरीक्षण किया गया। नवविस्तारित इलाकों के नाले का गंदा पानी अब सीधे वरुणा नदी में नहीं जायेगा। इसके लिए दुर्गा नाले पर एसटीपी बनाने का काम जल निगम की ओर से शुरू किया गया है जिससे सीवर शोधन की वर्तमान क्षमता को बढ़ाया जायेगा। इसके लिए कुछ जगहों पर पाइप लाइन बिछाकर सीवर को एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। वहां पर सीवर शोधन के बाद ट्रीटेट वाटर ही वरुणा में जाएगा तथा यहां से निकलने वाले अपशिष्ट से खाद का निर्माण किया जायेगा। जल निगम द्वारा बताया गया कि वरुणा नदी के पास एसटीपी बनाया जाएगा। नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, दिल्ली द्वारा 60 एमएलडी एसटीपी की परियोजना स्वीकृति दे दिया है, वर्तमान में चिन्हित भूमि की अंश निर्धारण कराया जा रहा। मंडलायुक्त ने निर्देशित किया कि अंश निर्धारण अतिशीघ्र पूर्ण कराकर शासन को इससे अवगत कराया जाये।
तत्पश्चात मंडलायुक्त द्वारा सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए वरुणा कॉरिडोर तथा ट्रीटमेंट के उपरान्त वरुणा नदी में मिलने वाले नालों को देखा गया। उन्होंने कॉरिडोर के संबंध में सिंचाई विभाग से उचित प्रस्ताव तैयार करने को कहा ताकि एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा सके, जिससे ट्रैफिक दबाव में भारी कमी आयेगी।
मंडलायुक्त द्वारा चौकाघाट पहुँचकर 140 एम एल डी मेन सीवेज पंपिंग स्टेशन चौकाघाट तथा कोनिया मेन सीवेज पंपिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया गया तथा उक्त के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने सीवरेज ओवरफ्लो की समस्याओं के चिन्हित कारकों को देखते हुए उक्त के संबंध में उचित प्रस्ताव तैयार करने हेतु निर्देशित भी किया।
निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त राजीव राय, महाप्रबंधक जलकल, आशीष सिंह, परियोजना प्रबंधक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण), अधिशासी अभियन्ता जलनिगम (शहरी) समेत सिंचाई विभाग, प्रदूषण विभाग व नगर निगम से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
