महाकुम्भ 2025 के दौरान रेलवे ने यात्रियों की यात्रा को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए एक नई रंगीन टिकट प्रणाली लागू की है। इस प्रणाली का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाना और श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक आसानी से पहुँचने में मदद करना है।
रंगीन टिकट प्रणाली का उद्देश्य
इस पहल के तहत प्रत्येक टिकट को एक विशेष रंग दिया गया है। यह रंग यात्रियों के गंतव्य और यात्रा मार्ग को दर्शाता है, जिससे उन्हें सही प्लेटफार्म और आश्रय स्थल तक पहुँचने में सहायता मिलेगी। इससे भ्रम की स्थिति को रोका जा सकेगा और यात्रियों की यात्रा अधिक सुरक्षित और सरल होगी।
प्रयागराज के स्टेशनों पर रंगीन टिकटों का निर्धारण
- प्रयागराज जंक्शन:
- लाल टिकट: लखनऊ और वाराणसी जाने वाले यात्री। गेट नंबर 1 और आश्रय नंबर 1।
- नीला टिकट: पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के यात्री। गेट नंबर 2 और आश्रय नंबर 2।
- पीला टिकट: मानिकपुर, सतना और झाँसी जाने वाले यात्री। गेट नंबर 3 और आश्रय नंबर 3।
- हरा टिकट: फतेहपुर, कानपुर और दिल्ली जाने वाले यात्री। गेट नंबर 4 और आश्रय नंबर 4।
- नैनी जंक्शन:
- हरा टिकट: कानपुर जाने वाले यात्री। गेट नंबर 1 और आश्रय नंबर 1।
- नीला टिकट: मानिकपुर और झाँसी जाने वाले यात्री। गेट नंबर 1 और आश्रय नंबर 2।
- लाल टिकट: सतना जाने वाले यात्री। गेट नंबर 1 और आश्रय नंबर 3।
- पीला टिकट: पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के यात्री। गेट नंबर 3 और 4, आश्रय नंबर 4ए और 4बी।
- प्रयागराज छिवकी स्टेशन:
- लाल टिकट: मानिकपुर, सतना और झाँसी जाने वाले यात्री। गेट नंबर 1ए और आश्रय नंबर 1।
- हरा टिकट: पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के यात्री। गेट नंबर 1बी और आश्रय नंबर 2।
यात्री और प्रशासन के लिए लाभ
यह पहल यात्रियों को सही दिशा में मार्गदर्शन देकर उनकी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाएगी। साथ ही, रेलवे प्रशासन को भी भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से इस नई व्यवस्था में सहयोग की अपील की है।
महाकुम्भ 2025 के लिए रेलवे की यह अभिनव पहल यात्रियों के लिए न केवल यात्रा को यादगार बनाएगी, बल्कि भारतीय रेलवे की प्रबंधन क्षमता और प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करेगी।