वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन की सुविधा को और अधिक सुचारु बनाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र के अनुसार, काशीवासियों के लिए विशेष द्वार ‘काशी द्वार’ का निर्धारण किया गया है। इस द्वार से प्रवेश के लिए स्थानीय पहचान पत्र, जिसमें बनारस का पता हो, दिखाना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था काशीवासियों और नियमित भक्तों के लिए है, जिससे वे भीड़-भाड़ से बचकर आराम से मंदिर में प्रवेश कर सकें।
इस नई व्यवस्था का फिलहाल ट्रायल चल रहा है। इसका उद्देश्य काशीवासियों को विशेष सुविधा प्रदान करना और मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करना है। काशीवासियों को मंदिर में प्रवेश के लिए किसी भी मान्य स्थानीय पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, या राशन कार्ड, का उपयोग करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल स्थानीय निवासी ही इस विशेष द्वार का उपयोग कर सकें।
सीईओ विश्वभूषण मिश्र का मानना है कि इस व्यवस्था से काशीवासियों को मंदिर दर्शन में सुविधा होगी और उन्हें लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। यह कदम मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इस प्रकार की व्यवस्था अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों पर भी लागू करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
नई व्यवस्था के ट्रायल के बाद इसकी सफलता और सुधार की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। यह पहल मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से भक्तों को बेहतर अनुभव प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।