भक्त सुदर्शन की भक्ति से प्रसन्न होकर प्रकट हुई थी काशी के दुर्गाकुंड मे कुष्मांडा देवी वाराणसी 12अप्रैल । चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन शुक्रवार को मां कुष्मांडा देवी के दर्शन पूजन का विधान है इनका मंदिर दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में है। मंदिर में दर्शन पूजन करने वालों भक्तों की भारी भीड़ भर से ही उम्र पड़ी। मंदिर के प्रधान पुजारी मां की मंगला आरती कर मंदिर का पट भक्तों के लिए खोल दिए इसके पश्चात दर्शन पूजन करने के लिए भक्त मां का श्रृंगार रूप देखकर निहाल हो गये। हाथों में नारियल चुनरी लिए भक्त श्रद्धाभाव से दर्शन पूजन कर रहे थे । जय माता की जय घोष से पूरा मंदिर परिसर गूंज रहा था। देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने बताया कि देवी भागवत में यह वर्णन है कि भक्त सुदर्शन के भक्ति से खुश होकर काशी के दुर्गाकुण्ड क्षेत्र में प्रकट हुई थी मां कुष्मांडा। कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि अयोध्या के राजा पुष्य हुए उनके पुत्र ध्रुवसंधि थे। ध्रुव संधि की दो पत्नियों थी मनोरमा और लीलावती। मनोरमा के लड़के सुदर्शन थे और लीलावती के पुत्र शत्रुजीत थे। मनोरमा के पिता वीरसेन जब युद्ध म