श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में अर्चकों के पद पर सीधी भर्ती होगी। वरिष्ठ अर्चक के पद को पदोन्नति से भरा जाएगा, जबकि कनिष्ठ अर्चक व सहायक के पद पर सीधी भर्ती की जाएगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने पुजारी ने अर्चक नियमावली को शासन की अनुमति के लिए भेज दिया है। संभावना है कि 15 दिनों के अंदर शासनादेश भी जारी हो जाएगा।
वरिष्ठ अर्चक के 10, कनिष्ठ अर्चक के 15 और सहायक अर्चक के 25 पद होंगे। वरिष्ठ अर्चकों के पद पर पहले से ही मंदिर में तैनात पुजारियों काे पदोन्नति दी जाएगी। कनिष्ठ आचार्य के पद पर सीधी भर्ती व पदोन्नति और सहायक अर्चक के 25 पदों पर सीधी भर्ती के आधार पर नियुक्तियां होंगी। नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया के लिए चयन समिति का गठन किया जाएगा।
अर्चकों को समूह ग की तीन श्रेणियों में बांटा गया है। अर्चक के पद पर नियुक्ति के लिए संस्कृत विषय के साथ स्नातक व शास्त्री न्यूनतम योग्यता है। अभ्यर्थी के लिए रुद्राष्टाध्यायी के पाठ में दक्ष, पंचदेव, षोडशोपचार पूजा पद्धति का ज्ञान तथा उक्त पूजा के मंत्रों को कंठस्थ, संस्कृत में संकल्प और संस्कृत बोलना अनिवार्य किया गया है। सहायक अर्चक के पद पर सीधी भर्ती के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 और कनिष्ठ अर्चक की न्यूनतम आयु 30 साल निर्धारित की गई है। मंदिर में पहले से तैनात 11 अर्चकों व अन्य पुजारियों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
चरित्र और आचरण भी होगा मानदंड
नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों के चरित्र और आचरण को भी प्रमुखता दी गई है। नियुक्ति से पहले अभ्यर्थी के चरित्र का सत्यापन भी कराया जाएगा। अभ्यर्थी को शारीरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना होगा।
100 अंकों की होगी परीक्षा
भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। अर्चक पद पर चयन के लिए 100 अंकों की परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। मेरिट सूची शैक्षिक योग्यता, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर तैयार होगी। 50 अंकों की लिखित परीक्षा, 30 अंकों की मौखिक कर्मकांड परीक्षा और 10 अंकों का साक्षात्कार होगा।
हर साल मानदेय में होगी चार फीसदी की बढ़ोतरी
अर्चक के पद पर नियुक्ति के बाद दो साल की परिवीक्षा पर रखा जाएगा। इसके बाद उसे स्थायी कर दिया जाएगा। वरिष्ठ अर्चक को 90 हजार, कनिष्ठ सहायक को 70 हजार और सहायक अर्चक को 45 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसमें प्रतिवर्ष चार फीसदी की बढ़ोतरी होगी। अप्रैल माह में पोशाक भत्ता भी दिया जाएगा।
क्या कहते हैं अध्यक्ष और न्यास सदस्य
चार दशक के बाद नियमावली तैयार हुई है। शासन की हरी झंडी मिलते ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। – प्रो. नागेंद्र पांडेय, अध्यक्ष, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास
पुजारी संवर्ग की भलाई के लिए जो नियमावली बनी है वह स्वागत योग्य है। इसके लिए न्यास अध्यक्ष और मंडलायुक्त को साधुवाद है। – प्रो. ब्रजभूषण ओझा, न्यास सदस्य
अर्चक नियमावली लागू होने से पुजारी संवर्ग का कल्याण होगा। न्यास अध्यक्ष और मंडलायुक्त के संयुक्त प्रयास से इसे तैयार किया गया है। – पं. दीपक मालवीय, न्यास सदस्य