- काशी की बेटी सीमा की प्रथम दायित्व महिलाओं की सुरक्षा में सम्मान
शिवम तिवारी विक्कू। युवा फाउंडेशन द्वारा जागोरे मुहिम के अंतर्गत आदमपुर कमलगट्टा प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी गई। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना था कि कौन सी छुअन सही होती है और कौन सी गलत, ताकि वे खुद को सुरक्षित रख सकें। खेल-खेल में बच्चों से यह समझने की कोशिश की गई कि उन्हें कहां छूना सही है और कहां गलत, क्योंकि यह फर्क जानना बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी है।
समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, ऐसी जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं हमें लगातार झकझोर रही हैं, जिससे समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। आज की परिस्थितियाँ विकट हैं, जहां महिलाएं और बच्चियां हर जगह खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। यह स्थिति तब बदलेगी, जब समाज के लोग एकजुट होकर आवाज़ उठाएंगे और इस विषय पर जागरूकता फैलाएंगे।
हाल ही में कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है। आए दिन महिलाओं के साथ जबरदस्ती और दुष्कर्म की घटनाएं यह साबित करती हैं कि कुछ लोग महिलाओं को केवल अपनी हवस बुझाने का साधन समझते हैं।
हर घर में एक बेटी और बहन है, और उनकी सुरक्षा के लिए हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा। यह केवल हमारी अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा नहीं है, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है। जागरूकता और समझ ही समाज में बदलाव ला सकती है, जिससे महिलाओं की स्थिति बेहतर होगी और वे सुरक्षित महसूस करेंगी।