अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस: 20 दिसंबर, एकता का उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस
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हर साल 20 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाया जाता है, जो देशों को अपने अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन दुनिया भर के नागरिकों को एकजुटता के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा लक्ष्यों की दिशा में सभी मिलकर काम कर सकें। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2005 को इस दिन को औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के रूप में घोषित किया।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य देशों और नागरिकों को एकजुटता के सिद्धांतों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह दिन विविधता में एकता का उत्सव है और समाज में समानता और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष को बढ़ावा देता है। इस दिवस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देना चाहता है, ताकि सभी राष्ट्र एक-दूसरे के साथ मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान निकाल सकें और मानवता की भलाई के लिए कदम उठा सकें।

मानव एकजुटता दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

इस दिन की नींव 2000 में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन में रखी गई थी। इस सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित दस्तावेज में “एकजुटता” को 21वीं सदी के लिए एक महत्वपूर्ण आदर्श और प्रोत्साहन के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस दस्तावेज ने वैश्वीकरण के लाभ और भार के असमान वितरण को स्वीकार किया, जिससे समाज के कई वर्गों को आर्थिक और सामाजिक रूप से नुकसान हुआ।

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विश्व एकजुटता कोष की स्थापना: साझा जिम्मेदारी की दिशा में कदम

वर्ष 2002 में इस सिद्धांत के तहत विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की गई, ताकि वैश्विक स्तर पर सहायता की आवश्यकता वाले लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके। इस कोष के माध्यम से उन देशों और समुदायों को प्राथमिकता दी गई, जिन्हें वैश्वीकरण के लाभों से वंचित रखा गया था। इसके साथ ही, यह कोष उन वर्गों की मदद करने के लिए समर्पित था, जिन्हें सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के कारण सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

विविधता में एकता का संदेश

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के महत्व को समझने के लिए हमें इसके पीछे के संदेश को गहराई से समझना होगा। यह दिन यह दर्शाता है कि भले ही दुनिया में विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं हों, लेकिन सभी मानव जाति का उद्देश्य समान है—मानवता की सेवा करना और समाज में समानता और न्याय की स्थापना करना। विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिन एक मंच के रूप में कार्य करता है, जहां सभी लोग अपने मतभेदों के बावजूद एकजुट होकर कार्य कर सकते हैं।

गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के प्रयास

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का एक प्रमुख उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। यह दिन देशों और वैश्विक समुदाय को प्रेरित करता है कि वे अपनी नीतियों और योजनाओं में गरीबों और वंचितों को प्राथमिकता दें। यह यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि सभी मानवाधिकारों की सुरक्षा हो और कोई भी व्यक्ति भेदभाव का शिकार न हो।

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अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता: संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता

वैश्विक स्तर पर कई देशों में आर्थिक और सामाजिक असमानताएं विद्यमान हैं। इन असमानताओं को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग बेहद जरूरी है। यदि हम एकजुट होकर इन समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए काम करें, तो हम एक बेहतर और समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इसी कारण से, अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर एकजुटता को बढ़ावा देना है, ताकि हम सभी मिलकर इस वैश्विक समुदाय के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकें।

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और विश्व के लिए एकजुटता का संदेश

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2005 में इस दिवस की घोषणा की, ताकि सभी देशों को यह याद दिलाया जा सके कि “एकजुटता” सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक वास्तविकता है, जिसे हमें लागू करना है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र की उन योजनाओं और पहलों की भी पुष्टि करता है, जो वैश्विक एकजुटता और शांति की दिशा में काम करती हैं। उदाहरण के तौर पर, संयुक्त राष्ट्र के कई कार्यक्रमों जैसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) में वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने की बात की गई है, जो केवल तभी संभव है जब हम सभी मिलकर काम करें।

Shiv murti
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