विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उपचार में लापरवाही से हुई एक मौत के मामले में भेलूपुर थाने से आख्या तलब की है। यह मामला चंदुआ छित्तूपुर निवासी मनोज कुमार गुप्ता द्वारा दाखिल परिवाद से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अपने पिता राधेश्याम गुप्ता की मौत का आरोप अस्पताल की लापरवाही पर लगाया है।
अदालत का आदेश
अदालत ने अपने आदेश में भेलूपुर थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि बिना मुकदमा दर्ज किए मामले की गहन जांच की जाए। गवाहों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र कर, एक माह के भीतर आख्या रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अदालत ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को भी मामले की निष्पक्ष जांच कर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 18 अक्टूबर 2024 तय की है।
घटना का विवरण
मनोज कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया कि 20 सितंबर 2023 को उन्होंने अपने पिता राधेश्याम गुप्ता को बुखार होने पर डॉ. एके कौशिक के पॉपुलर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 10 हजार रुपये जमा किए। अस्पताल के मेडिकल स्टोर से मंगवाकर उनके पिता को दवाइयां और इंजेक्शन दिए गए। इसके बाद उनके पिता की हालत बिगड़ने लगी, और उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। 21 सितंबर को उनके पिता की मृत्यु हो गई।
लापरवाही का आरोप
मनोज कुमार का दावा है कि जब उन्होंने अपने पिता का शव मांगा, तो अस्पताल प्रबंधन ने 13,900 रुपये की और मांग की। जब उन्होंने दवाइयों की रसीद देखी, तो पता चला कि उनके पिता को जुलाई में एक्सपायर हो चुकी दवाइयां और इंजेक्शन दिए गए थे, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनके पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र भी नहीं सौंपा।
इस मामले में मनोज कुमार गुप्ता ने अपने वकील संजय राय, मनीष राय और आदित्य राय के माध्यम से अदालत में परिवाद दाखिल किया था।