कानपुर में कड़ाके की ठंड के कारण तंत्रिकाओं के आसपास रक्त की आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे नसों में तेज दर्द की समस्या बढ़ रही है। खासतौर पर गठिया के मरीजों को यह दर्द और भी ज्यादा परेशान कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में तंत्रिका रोगियों की संख्या में 40 फीसदी तक इजाफा हुआ है।
सूखे जाड़े का असर
विशेषज्ञों के अनुसार, सूखे जाड़े के मौसम में नसों में सिकुड़न अधिक हो जाती है। इसके साथ ही तंत्रिकाओं के आसपास की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। यही वजह है कि नसों में तेज दर्द होने लगता है। इस स्थिति में माइग्रेन, सर्वाइकल स्पोंडोलोसिस, गर्दन का दर्द और कमर दर्द जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। इसके अलावा स्पाइनल कॉर्ड में गर्दन से लेकर कमर के बीच कहीं भी दर्द हो सकता है।
गठिया और तंत्रिका दर्द का संबंध
गठिया के मरीजों को इस मौसम में अधिक दिक्कतें हो रही हैं। उनके जोड़ों के आसपास पहले से सूजन रहती है, जो ठंड में और बढ़ जाती है। इस वजह से उनके तंत्रिकाओं में तेज दर्द होने लगता है। घुटनों और हाथ के जोड़ों की गठिया के मरीज इस समस्या का अधिक सामना कर रहे हैं।
विटामिन डी की कमी की भूमिका
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि विटामिन डी की कमी के कारण तंत्रिकाओं की मरम्मत सही ढंग से नहीं हो पाती। इस कारण से रोगियों को ज्यादा तकलीफ हो रही है। ठंड के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है।
दर्द से बचाव के उपाय
तंत्रिका दर्द और गठिया जैसी समस्याओं से बचने के लिए विशेषज्ञ कुछ सुझाव देते हैं:
- सही पोषण लें: अपने आहार में विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन शामिल करें। धूप में समय बिताना भी फायदेमंद होता है।
- सक्रिय रहें: हल्की एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी से नसों की मजबूती और लचीलेपन में सुधार हो सकता है।
- गरमाहट बनाए रखें: ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गरम रखने का प्रयास करें।
- दर्द निवारक उपाय: डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और दर्द निवारक जेल का इस्तेमाल करें।
रोगियों की बढ़ती संख्या
अस्थि रोग विभाग में तंत्रिका दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति को नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें। तंत्रिकाओं और मांसपेशियों की समस्याओं को समय रहते सही इलाज से ठीक किया जा सकता है।
ठंड में विशेष ध्यान देने की जरूरत
जाड़े के मौसम में तंत्रिका दर्द के मरीजों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी असुविधा के मामले में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।