Varanasu.बोर्ड परीक्षाओं के दृष्टिगत ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी अंकुश हेतु उड़ाका दल (Flying Squad) के गठन हेतु ‘सत्या फाउण्डेशन’ ने जिलाधिकारी से माँग की है। बता दें कि अति आवश्यक कार्य में अचानक से व्यस्त हो जाने के कारण जिलाधिकारी श्री एस. राजलिंगम (IAS), आज मंगलवार को अपने कार्यालय नहीं पहुँच पाये तो ‘सत्या फाउण्डेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय ने आपके सीयूजी नंबर 9454417579 पर काल करके बात की और डी.एम. महोदय ने विषय की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया। उनसे मिले निर्देश के मुताबिक़, ‘सत्या फाउण्डेशन’ ने जिलाधिकारी के चैंबर में ड्यूटी पर तैनात, अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम (एसीएम -1) सुश्री प्रज्ञा सिंह को यह ज्ञापन सौंपा। ‘सत्या फाउण्डेशन’ के प्रतिनिधिमंडल में श्रीमती प्रतिभा सिंह, श्री हरविंदर सिंह आनंद और संस्था के संस्थापक सचिव श्री चेतन उपाध्याय शामिल थे।
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इण्डियन सोसायटी एक्ट, 1860 के तहत पंजीकृत; पंजीकरण संख्या : 741 / 2000
सत्या फाउण्डेशन
डाक का पता: बी-14, विराट विला एपार्टमेण्ट, हर्ष गैस के पास, महमूरगंज, वाराणसी
ई-मेल: satyafoundation2000@gmail.com मोबाइल: 9212735622
सेवा में,
जिलाधिकारी
वाराणसी Dated: 27/02/2024
विषय : बोर्ड की परीक्षाओं के दृष्टिगत ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश हेतु उड़ाका दल का गठन
महोदय,
सादर नमस्कार। निवेदन है कि हमारी संस्था ‘सत्या फाउण्डेशन’ द्वारा ध्वनि प्रदूषण के विविध आयामों और कानूनी रोकथाम को लेकर फरवरी, 2008 से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। वाराणसी से शुरू इस मुहिम को हम इलाहाबाद, गोरखपुर, चंदौली, भदोही,
जौनपुर, मिर्जापुर, अमेठी, सुल्तानपुर, नोएडा, आगरा आदि के साथ ही हरियाणा के करनाल और हिसार तक भी ले गए हैं। पुलिस लाइन्स से लेकर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं और क्लबों-चौराहों पर लगातार कार्यक्रम करते रहते हैं । साथ ही पुलिस प्रशिक्षण केंद्र – आर.टी.सी. चुनार (उत्तर प्रदेश) में भी अतिथि प्रवक्ता के रूप में ध्वनि प्रदूषण पर तमाम बार व्याख्यान दिए हैं।
महोदय, हमारा यह मानना है कि कोई भी कानून तभी लागू हो पाता है जब जन जागरूकता के साथ ही साथ विधिक कार्रवाई भी की जाए। बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यह अति आवश्यक हो गया है कि शोर को रोकने के लिए उड़ाका दल का गठन किया जाए जो रात 10 के बाद लाउडस्पीकर, आतिशबाजी, बैंड बाजा, निर्माण गतिविधि, पॉवरलूम, डीजे सहित शोर के स्रोतों को रंगे हाथ पकड़े और आन द स्पॉट पेनाल्टी, चालान और मुकदमा कायम करे। इस उड़ाका दल में प्रशासन, पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल
किया जाए। साथ ही इसी उड़ाका दल के माध्यम से दिन और शाम के समय चल रहे तेज शोर पर भी विधिक कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाए।
महोदय, यह बताना समीचीन होगा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम-2000 में उल्लिखित प्रावधानों के मुताबिक़ किसी भी सार्वजनिक या निजी कार्यक्रम में लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन से, एडवांस में लिखित अनुमति लेनी होती है। मगर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाईट पर उपलब्ध निर्देश के मुताबिक़ दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के शुरू होने के 3 दिन पहले से, परीक्षाओं के खत्म होने तक खुली जगह में लाउडस्पीकर के लिए अनुमति देना प्रतिबंधित है।
महोदय, यह भी देखा जाता है कि बोर्ड की परीक्षा के केंद्रों के पास भी लोग धर्म और परम्परा की आड़ में लाउडस्पीकर से शोर करते हैं और ऐसे में बोर्ड परीक्षार्थियों का ध्यान भंग हो जाता है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के अनुसार, दिन के दौरान भी साइलेंस जोन में हूटर, हार्न, बैंड बाजा, डीजे आदि पर जेल और जुर्माने का प्राविधान है। स्कूल और कालेज भी साइलेंस जोन में आते हैं और बोर्ड की परीक्षाओं के दृष्टिगत, इस साइलेंस जोन के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए।
महोदय, आपसे करबद्ध आग्रह है कि उपरोक्त कानूनी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, समेकित आदेश जारी करें ताकि बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थी तनाव मुक्त होकर, अधिक से अधिक नंबर प्राप्त करके अपने कैरियर को संवार सकें।
सधन्यवाद,
(चेतन उपाध्याय)
संस्थापक सचिव, ‘सत्या फाउण्डेशन’
9212735622
Enclosed:
1-Copy of Noise Pollution Rules:
2-Copy of Page from website of UPPCB, UP Government:
http://www.uppcb.com/guide_loud.htm