


वाराणसी– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के धातुकर्म इंजीनियरिंग विभाग ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित धातुकर्म विशेषज्ञों और दूरदर्शी शिक्षकों में से एक की विरासत का सम्मान करते हुए प्रतिष्ठित टी.आर. अनंतरामन मेमोरियल लेक्चर 2025 का आयोजन किया। इस वर्ष का स्मारक व्याख्यान आईआईटी बीएचयू में (डीआईए-सीओई) के निदेशक डॉ. टी.के. नंदी ने दिया। “From the Puzzles to Solutions: Navigating the Complex Field of Materials Development” शीर्षक से अपने विचारोत्तेजक व्याख्यान में, डॉ. नंदी ने आधुनिक विज्ञान की पेचीदगियों और चुनौतियों पर गहन चर्चा की, मौलिक शोध समस्याओं से लेकर वास्तविक दुनिया के इंजीनियरिंग समाधानों तक की यात्रा में गहन अंतर्दृष्टि साझा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईटी बीएचयू के संकाय मामलों के डीन प्रोफेसर एन. के. मुखोपाध्याय ने की। अपने संबोधन में प्रोफेसर मुखोपाध्याय ने प्रोफेसर टी. आर. अनंतरामन के जीवन और कार्य को याद करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिनके योगदान ने भारत में धातुकर्म अनुसंधान और शिक्षा में उत्कृष्टता की नींव रखी। व्याख्यान में संस्थान भर से बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया, जिससे अकादमिक चर्चा और प्रेरणा का एक आकर्षक माहौल बना। कार्यक्रम ने प्रोफेसर अनंतरामन की अग्रणी भावना को ध्यान में रखते हुए धातुकर्म इंजीनियरिंग की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
धातुकर्म इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी बीएचयू, वाराणसी ने धातुकर्म दिवस को बड़े उत्साह और छात्रों तथा संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में औपचारिक कार्यवाही और ज्ञानवर्धक संबोधनों की एक श्रृंखला शामिल थी, जिसमें विभाग की शैक्षणिक और व्यावसायिक उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत से हुई। इसके बाद विभागाध्यक्ष प्रो. एन. सी. शांति श्रीनिवास ने स्वागत भाषण दिया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने विभाग की उपलब्धियों, छात्रों की उपलब्धियों और चल रहे शोध प्रयासों पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित हस्ती डॉ. टी. के. नंदी (निदेशक डीआईए सीओई, आईआईटी बीएचयू) ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उनकी उपस्थिति ने समारोह को और भी गौरवान्वित किया और उनके संबोधन ने धातुकर्म इंजीनियरिंग के उभरते परिदृश्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिससे छात्रों को शिक्षा और नवाचार में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की प्रेरणा मिली।
प्रोफेसर एन. के. मुखोपाध्याय ने समारोह की अध्यक्षता की तथा अपने अध्यक्षीय भाषण में अंतःविषयक शिक्षा के महत्व पर बल दिया तथा छात्रों को राष्ट्र की तकनीकी उन्नति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। मेटलर्जी सोसाइटी के प्रभारी प्रोफेसर जी.एस. महोबिया ने कार्यक्रम का समन्वय किया और बाद में कार्यक्रम के सफल संचालन में योगदान के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों और संकाय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह का मुख्य आकर्षण प्रो. श्रीनिवास द्वारा अकादमिक और पाठ्येतर गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित करना था, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का जश्न मनाता है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विभाग की जीवंत शैक्षणिक संस्कृति को दर्शाते हुए एक यादगार और प्रेरक दिन का समापन किया।
