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साबुन से चाय तक महंगे होंगे जरूरी सामान, महंगाई की मार झेलने को तैयार रहें

साबुन से चाय तक महंगे होंगे जरूरी सामान
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महंगाई से पहले से ही परेशान आम जनता के लिए आने वाले दिन और कठिन साबित हो सकते हैं। एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर की प्रमुख कंपनियों ने लागत बढ़ने के कारण अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया है। हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), डाबर, नेस्ले, विप्रो कंज्यूमर और टाटा कंज्यूमर जैसी कंपनियां इसकी शुरुआत कर चुकी हैं।

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कंपनियों का बड़ा फैसला: 5-20% तक बढ़ेंगी कीमतें

एफएमसीजी सेक्टर के अधिकारियों का कहना है कि साबुन, तेल, चाय, और कॉफी जैसे जरूरी उत्पादों की कीमतें 5 से 20% तक बढ़ सकती हैं। यह पिछले एक साल में कीमतों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी मानी जा रही है। कंपनियां इस बढ़ोतरी का कारण कच्चे माल की बढ़ती लागत और सीमा शुल्क में बढ़ोतरी को बता रही हैं।

कौन-कौन से उत्पाद होंगे महंगे

  • साबुन और स्किन केयर उत्पाद: हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने साबुन उत्पादों की कीमतें बढ़ाई हैं।
  • चाय और कॉफी: एचयूएल ने चाय की कीमतें बढ़ाई हैं, जबकि नेस्ले ने नेस्कैफे ब्रांड की कीमतों में बढ़ोतरी की है।
  • हेल्थकेयर और ओरल केयर: डाबर ने अपने हेल्थकेयर और ओरल केयर प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए हैं।
  • खाद्य तेल: खाद्य तेलों के दाम में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गिर रही है बिक्री

रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Bizom के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण मांग के कारण अक्टूबर 2023 में भारत के एफएमसीजी बाजार में 4.3% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई थी। लेकिन नवंबर में यह 4.8% गिर गई। शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में बिक्री में गिरावट आई है।

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महंगाई का असर: घट रही उपभोक्ता मांग

मौजूदा महंगाई का सबसे बड़ा असर उपभोक्ता मांग पर देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च कीमतों के कारण उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता में कमी आई है। कंपनियां बढ़ती लागत की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ा रही हैं, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव बाजार की मांग पर पड़ सकता है।

कमोडिटी की बढ़ती कीमतें बना रही हैं दबाव

एफएमसीजी कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, कच्चे माल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उछाल के कारण कंपनियों को लागत का दबाव झेलना पड़ रहा है।

एफएमसीजी कंपनियां क्यों बढ़ा रही हैं कीमतें

एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियां कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और सीमा शुल्क में इजाफे को अपनी कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बता रही हैं। इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग की लागत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसने कंपनियों को अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर मजबूर कर दिया है।

ग्राहकों पर क्या होगा असर

महंगाई की यह मार सबसे ज्यादा आम ग्राहकों पर पड़ेगी। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों का बजट प्रभावित होगा। पहले से ही महंगाई से जूझ रहे उपभोक्ताओं को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा।

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