पूर्व विधायक मनोज ने बजाई ईंट से ईंट, खुली जिला प्रशासन की नींद, ठेकेदारों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, जांच के लिए प्रयोगशाला भेजी गई ईंट

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चंदौली, 10 मई: चंदौली जिले के बरहनी विकासखंड स्थित ग्राम रेरूआ में चल रही ₹460.51 लाख की लागत वाली “रेरूआ पम्प नहर आधुनिकीकरण परियोजना” में घटिया गुणवत्ता की ईंटों के इस्तेमाल को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू द्वारा आठ मई को जारी किए गए एक वीडियो के बाद यह मामला तूल पकड़ गया है। वीडियो में यह आरोप लगाया गया था कि परियोजना में प्रयुक्त की गई ईंटें मानक के अनुसार नहीं हैं और ये गुणवत्ताहीन हैं, जिनकी वजह से परियोजना के गुणवत्तापूर्ण संपन्न होने में दिक्कत आ सकती है।

जिलाधिकारी ने दी जांच के आदेश

पूर्व विधायक के आरोपों के बाद जिले के जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित ठेकेदारों—मैसर्स पूजा इंटरप्राइजेज और मैसर्स धीरेन्द्र विक्रम सिंह—से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही जांच के आदेश दिए हैं। डीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने धनाइतपुर माइनर का निरीक्षण किया और प्रारंभिक जांच में प्रथम श्रेणी की ईंटों के उपयोग की पुष्टि की, लेकिन पूर्व विधायक के वीडियो के बाद स्थिति की और गहराई से जांच करने की आवश्यकता महसूस हुई।

निरीक्षण और ईंटों की गुणवत्ता पर सवाल

जिलाधिकारी ने ठेकेदारों से तत्काल स्पष्टीकरण मांगते हुए यह भी कहा है कि अगर कार्यस्थल पर किसी प्रकार की निम्न गुणवत्ता की ईंटें पाई जाती हैं, तो उन्हें तुरंत हटाकर प्रथम श्रेणी की ईंटों से बदला जाए। अधिकारियों ने ब्रिक लाइनिंग कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए ईंटों के सैंपल प्रयोगशाला भेजे हैं। इस जांच में यदि किसी प्रकार की खामी पाई जाती है, तो ठेकेदारों से 1% पेनाल्टी भी काटी जाएगी और भविष्य में होने वाले भुगतान में यह कटौती की जाएगी।

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ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी

अगर जांच में ठेकेदारों द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें अनुबंध रद्द करना, जमानत राशि जब्त करना और ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करना जैसी सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन ने इस पूरे मामले में पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, ताकि सार्वजनिक परियोजनाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

आगे की कार्रवाई

इस मामले के बाद जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि परियोजना की गुणवत्ता में सुधार और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या लापरवाही को रोकने के लिए भविष्य में इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अगर ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता से समझौता किया गया है, तो जनता के पैसों की रक्षा के लिए कोई भी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

साथ ही, यह घटना स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एक उदाहरण बन गई है, जो दिखाता है कि जब तक जिम्मेदार लोग, जैसे पूर्व विधायक, सक्रिय रूप से काम करते हैं, तब तक भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।

अवधेश राय