वाराणसी,
बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में आज एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक माहौल देखने को मिला, जब राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बराकास) की तिमाही बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बरेका महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह ने की, उन्होंने अपने ओजस्वी संबोधन में हिंदी को आत्मनिर्भर भारत की मजबूत कड़ी बताया।
“हिंदी जनता की भाषा है, और इसे अपनाकर हम प्रशासनिक कार्यों को आम जनता तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।” – महाप्रबंधक ने कहा सरकार की योजनाओं का लाभ तब तक पूरी तरह नहीं मिल सकता जब तक हम हिंदी में कार्य नहीं करते। उन्होंने रेल मंत्री राजभाषा शील्ड की उपलब्धि के लिए टीम बरेका के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि यह हिंदी प्रेम और समर्पण का परिणाम है।
बैठक के दौरान प्रमुख विभागाध्यक्षों ने अपने विभाग में हिंदी के प्रयोग और प्रगति की जानकारी साझा की। महाप्रबंधक ने विशेष रूप से वेबसाइट पर हिंदी सामग्री अपलोड करने और तकनीकी लेखन मूल रूप से हिंदी में करने पर जोर दिया।
यह बैठक न केवल योजनाओं की समीक्षा के लिए थी, बल्कि बरेका द्वारा हिंदी में किए जा रहे नए और रचनात्मक प्रयासों को प्रदर्शित करने का मंच भी बनी। मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री प्रवीण कुमार ने बरेका में हिंदी के प्रयोग को लेकर किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में प्रमुख रूप से प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री सुशील कुमार श्रीवास्तव,प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री रजनीश गुप्ता, प्रधान वित्त सलाहकार श्री नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री जनार्दन सिंह , प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेश कुमार सहित अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
बैठक का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह ने किया।
बरेका के इस कदम से यह स्पष्ट है, कि हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि देश के विकास की दिशा में एक सशक्त माध्यम बन रही है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हिंदी अब रेलवे की पटरी पर रफ्तार पकड़ चुकी है!