
संयुक्त मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2024
मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही मौजूद रहे
सरकार की नीति एवं किसानों की मेहनत से प्रदेश खाद्य उत्पादन में लगातार पिछले सात वर्षों से प्रथम स्थान बनाये हुए है: कृषि मंत्री
आज हमारे पास खाद्यान्न का सरप्लस भंडार है जिससे गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है: कृषि मंत्री
वर्तमान सरकार सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं अपितु उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चत कर रही है: सूर्य प्रताप शाही
सरकार कृषि उत्पादों की बेहतर एमएसपी किसानों को दे रही है: सूर्य प्रताप शाही
किसानों की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन हो यही किसान गोष्ठी की सार्थकता है: कृषि मंत्री
प्रदेश में पिछले चार वर्षों में कृषि निर्यात में भारी वृद्धि सुनिश्चित हुई है: कृषि मंत्री
वाराणसी। वाराणसी, प्रयागराज एवं विन्ध्याचल मंडल की संयुक्त मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2024 का आयोजन पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल, चौकाघाट वाराणसी में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में कृषि मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया तत्पश्चात मंडलायुक्त वाराणसी कौशल राज शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि को बुके देकर स्वागत किया गया।
कृषि मंत्री द्वारा सर्वप्रथम विभिन्न विभागों जिसमें आईआईवीआर वाराणसी, ईरी वाराणसी, पशुपालन, एपीडा, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, सहकारिता, मत्स्य तथा कृषि उत्पादन संगठन द्वारा लगायी गयी कृषि प्रदर्शनियों का अवलोकन किया गया तथा उक्त के संबंध में संबंधित स्टाल द्वारा जानकारी प्राप्त की गयी।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा गोष्ठी में अध्यक्षीय भाषण देते हुए सर्वप्रथम ‘जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय अनुसंधान’ की बात कही गई। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या को खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित कराने, किसानों की आर्थिक स्थिति में इजाफा हेतु आगे की कार्ययोजना बनाने के लिये इस प्रकार की किसान गोष्ठी आयोजित की जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों से उत्तर प्रदेश खाद्य उत्पादन में प्रथम स्थान बनाये हुए है तथा गन्ना में भी प्रदेश प्रथम स्थान बनाये हुए है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो करोड़ 70 लाख किसान पंजीकृत हैं। समस्त किसानों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के किसानों के प्रति समर्पण की बात कहते हुए सर्वप्रथम एमएसपी लाने के उनके प्रयासों को गिनाया। उन्होंने कहा की आज प्रदेश के पास सरप्लस खाद्य भंडार है। उन्होंने बताया की प्रदेश में पिछले वर्षों में किसानों को सम्मान निधि के माध्यम से लगभग 73000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि उनके खातों में भेजा गया है जिसके मार्फत किसानों को आर्थिक मदद मिली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल घोषणा नहीं करती बल्कि उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चत करती है। उन्होंने कहा कि ससमय सब्सिडी भी हम किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं। सरकार निरन्तर काला बाजारी तथा जमाखोरों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। इसमें आप किसान भाई भी अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को जिप्सम, कीटनाशक साथ ही खादों पर प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। किसानों को खाद एवं बीज के लिए परेशान नही होना पड़ेगा क्योंकि इनका पर्याप्त भंडार मौजूद है।उन्होंने कहा कि बेहतर उत्पादन हेतु किसान राज्य बीज निगम से उन्नत किस्म के बीज खरीदें। उन्होंने बताया की लगभग पांच हजार करोड़ की ढैचा खरीद आंध्र प्रदेश से सरकार करती है।यदि प्रदेश के किसान इसकी खेती करें तो दूसरे प्रदेश से आयात नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा हमे दाल अभी भी विदेशों से आयात करना पड़ता है तथा लगभग सवा लाख करोड़ की तिलहन विदेश से आयात की जाती है। अगर हम दलहन और तिलहन की खेती कर इनका उत्पादन बढ़ाएं तो बेहतर आय के साथ ही इन पैसों को बाहर जाने से रोका जा सकता है साथ ही हम अपनी आवश्यकता की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने बताया की प्रदेश में निर्यात लगातार बढ़ रहा है तथा कुल 56570 करोड़ रुपये के निर्यात प्रदेश से पिछले चार वर्षों में किया गया है। पहली बार 77 साल के इतिहास में लखनऊ का दशहरी आम अमेरिका को निर्यात किया गया है तथा गोरखपुर से चना का बेसन सिंगापुर को निर्यात किया गया है जो उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी तरह से उर्वरकों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश के पास 24 लाख मिट्रिक टन उर्वरक क्षमता मौजूद है। वर्षा के जल संचयन के क्षेत्र में लगातार कार्य करने की जरूरत पर बल दिया तथा वृक्षारोपण पर भी लगातार ध्यान देने की जरूरत के विषय में बताया ताकि बढ़ते हुए तापमान को रोकने तथा वर्षाकाल को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मा मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश खाद्य, दुग्ध, तिलहन, गन्ना में प्रथम स्थान पर है तथा वर्तमान सरकार आने के बाद तिलहन में 105% की उत्पादन बढ़ोत्तरी हुई है।उन्होंने कहा कि कृषि में नवीन तकनीकी का भी पूरा प्रयोग किया जा रहा है। किसान कृषि विभाग की सभी योजनाओं को ऑनलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं। उन्होंने जायद की की खेती को भी बढ़ावा देने हेतु भी कहा ताकि किसान उचित कमाई कर सके। उन्होंने कहा की सरकार किसानों ई हित में सभी विकास खंडों/ ग्राम पंचायतों में डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य कर रही है, ऑटोमेटिक वेदर मशीन लगा रही है ताकि किसानों को मौसम की जानकारी पहले से हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार पोर्टल के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने हेतु भी लगातार कार्य कर रही है।उन्होंने कृषि गोष्ठी के दौरान किसानों द्वारा उठाई गई समस्याओं के फौरन समाधान करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। अंत में कृषि मंत्री ने तीनों मंडलों से इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभाग करने आए हुए किसानों को धन्यवाद दिया।
प्रमुख सचिव पशुपालन, दुग्ध विकास रविन्द्र कुमार द्वारा पशुपालन विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए पशुधन एक्ट की बात बताते हुए सभी से इसपर पंजीकरण करने को कहा ताकि पशुओं को लगने वाले टीकाकरण सहित विभागीय योजनाओं का का लाभ उचित समय पर विभाग द्वारा दिया जा सकेगा। उन्होंने पशुओं में हरा चारा के साथ ही प्रोटीन एवं वसा वर्धक चारा पशुओं को खिलाने की बात कही ताकि पशुओं के स्वास्थ्य के साथ ही अधिक से अधिक दुग्ध का उत्पादन हो सके। उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 25 लाख टन मत्स्य की खपत है जबकि उदपादन अत्यंत कम होने से अन्य प्रदेश से आयात करना पड़ता है।
आयुक्त ग्राम विकास गौरीशंकर प्रियदर्शी द्वारा गोष्ठी में बोलते हुए कहा गया की मनरेगा योजना में कुल खर्च का 60 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण हेतु अमृत योजना में उत्तर प्रदेश लगातार प्रथम स्थान बनाये हुए है तथा अमृत योजना में जल संरक्षण के साथ ही ग्राम स्तर पर विभिन्न सांस्कृतिक क्रियाकलापों को भी जोड़ा गया है। उन्होंने प्रत्येक ग्राम में एक अमृत योजना के तालाब बनाने को प्रेरित करते हुए कहा की तालाबों में पानी की उपलब्धता जरूर बनी रहे इस पर सभी जरूर ध्यान दें। उन्होंने मौजूद तीनों मंडलों के पिछले वर्ष के सापेक्ष मानव दिवस पर आयी कमी को रखते हुए संबंधित मुख्य विकास अधिकारियों को इस पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने किसानों के हितों से संबंधित ग्राम विकास द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के विषय में बताया। उन्होंने मनरेगा के माध्यम से महिला उत्थान की बात भी कही।
इस अवसर पर मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि वाराणसी मंडल में कुल क्षेत्र आच्छादन लगभग साढ़े तेरह लाख हेक्टेयर का है जिसमें खरीफ-2024 के अंतर्गत कुल 6.37 लाख हेक्टेयर है जिसमें मुख्यतः धान, मक्का, बाजरा आदि शामिल है। उन्होंने बताया की खरीफ-2024 के अंतर्गत कुल 78874 कुंतल बीज वितरण के सापेक्ष वर्तमान में लगभग 74000 कुंतल बीज की उपलब्धता हो चुकी है तथा अगले 15 दिन में बचे बीज की उपलब्धता तथा मिनी किट का वितरण सुनिश्चत कर लिया जायेगा। मंडल में उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है तथा बायोपेस्टीसाइड की उपलब्धता भी 90 प्रतिशत से ज्यादे है। मंडल में फसली ऋण खरीफ-2023 में लगभग 1350 करोड़ था जिसको इस वर्ष बढ़ाकर 1885 करोड़ किया गया है। मंडल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभार्थी लगभग 29 लाख किसान हैं जिनको 16वीं किस्त तक 4800 करोड़ रुपये उनके खाते में दिये गये हैं। उन्होंने मौजूद किसानों को पीएम सूर्यधन योजना की जानकारी देते हुए सभी को अपने छतों पर सोलर पैनल लगाने को प्रेरित किया गया। उन्होंने बनारस मंडल से कृषि निर्यात में हो रहे बढ़ोत्तरी को रखते हुए बताया कि चार वर्ष के अंदर 2020-21 में चार मिट्रिक टन से शुरू की गयी निर्यात योजना बढ़कर वर्तमान में 732 मिट्रिक टन तक पहुंच गयी है तथा समुद्री निर्यात जो लगभग साढ़े तीन से चार हजार टन का है सभी को जोड़ने पर लगभग पांच हजार टन तक निर्यात मंडल से हो रहा है। उन्होंने कृषि निर्यात के क्षेत्र में नये एफपीओ को भी आमंत्रित किया ताकि वो पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि की ट्रेनिंग लेकर कृषि निर्यात को बढ़ावा दे सकें। मंडलायुक्त ने किसानों से फ़ूलों की खेती तथा मत्स्य पालन को भी बढ़ावा देने को प्रेरित किया ताकि किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल सके। उन्होंने चंदौली में 68 करोड़ से बनकर तैयार मछली मंडी की जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही इसका उद्घाटन किया जायेगा जिससे 1500 लोगों को रोजगार के साथ पूरे पूर्वांचल के मत्स्य पालकों को लाभ मिलेगा। उन्होंने किसानों से मत्स्य संपदा विकास योजना में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने को प्रेरित किया। मंडलायुक्त ने कृषि मंत्री के समक्ष निर्यात बढ़ावा देने में किसानों के ट्रांसपोर्ट खर्च कम करने तथा पाली हॉउस पर भी व्यय खर्च पर सब्सिडी को और बढ़ावा देने की तरफ ध्यान आकर्षित किया। अंत में मंडलायुक्त ने मंडल के किसानों को कृषि तथा संबंधित विभागों की मौजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने हेतु प्रेरित करते हुए कहा की सभी बगल के जिलों को अच्छी सड़कों से जोड़ा गया है तथा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के बाद कार्गो के माध्यम से कृषि निर्यात को और बढ़ावा दिया जा सकेगा। उन्होंने किसानों को सब्जी अनुसंधान तथा इरी वाराणसी में मौजूद ट्रेनिंग व्यवस्था का लाभ लेने हेतु भी प्रेरित किया ताकि उत्पादन को और बढ़ावा दिया जा सके।
विंध्याचल मंडल के कमिश्नर मुथु कुमार स्वामी द्वारा भी गोष्ठी में मंडल में कृषि तथा संबंधित विभागों की विभिन्न योजनाओं तथा जनपद की प्रगति को कृषि मंत्री के समक्ष रखा गया।
जिलाधिकारी एस राजलिंगम द्वारा कृषि गोष्ठी में आये हुआ सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा गया कि इस प्रकार की गोष्ठियों से किसानों को खेती/किसानी/बीज आदि के साथी नयी तकनीक की जानकारी मिलती है, जिसका प्रयोग कर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, निदेशक कृषि तथा एमडी बीज विकास निगम द्वारा गोष्ठी में विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं को किसानों के लाभार्थ उनके समक्ष रखा गया ताकि ज्यादे किसान उन योजनाओं का लाभ ले सकें।
गोष्ठी में ईरी वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार द्वारा धान की सीधी बुवाई के लिये प्रयुक्त होने वाली डीएसआर तकनीक को प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी के समक्ष रखा गया। कृषि उत्पादन गोष्ठी में विन्ध्याचल मंडल के सुधीर कुमार तथा प्रह्लाद सिंह द्वारा सफ़लता की कहानी बतायी गयी। गोष्ठी में विभिन्न मंडल के किसानों द्वारा अपनी समस्या कृषि मंत्री के समक्ष रखी गयी। आयोजित कृषि गोष्ठी में तीनों मंडलों के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। गोष्ठी के अंत में संयुक्त कृषि निदेशक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।