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पूर्वांचल में नशीली दवाओं का धंधा: प्रतिबंधित दवाएं बिक रही हैं, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक का कनेक्शन

पूर्वांचल में नशीली दवाओं का धंधा
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पूर्वांचल के कई जिलों में इन दिनों नशीली दवाओं का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, और यह प्रतिबंधित दवाएं खुलेआम बिक रही हैं। यह चिंता का विषय बन गया है क्योंकि इन दवाओं का गलत इस्तेमाल युवाओं और अन्य लोगों के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि अब नशीली दवाओं की तस्करी का रास्ता पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक जा पहुंचा है। इसे लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और पुलिस की टीमों ने इस तस्करी रैकेट की जांच के लिए जाल बिछाया है, ताकि इन अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।

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नशीली दवाओं का व्यापार: कैसे काम करता है सिंडिकेट

पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले दवा विक्रेताओं का एक सिंडिकेट सक्रिय हो गया है। इस सिंडिकेट के सदस्य अवैध तरीके से प्रतिबंधित नशीली दवाएं सप्लाई कर रहे हैं। इन दवाओं में दर्द निवारक, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली और अन्य प्रकार की दवाएं शामिल हैं, जो आमतौर पर डॉक्टर की पर्ची पर ही मिलती हैं। हालांकि, इस सिंडिकेट ने इन दवाओं को बिना किसी वैध पर्ची के बाजार में उतार दिया है। इन दवाओं को मुख्य रूप से युवाओं और नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों के बीच बेचा जा रहा है।

पुलिस और नारकोटिक्स टीम के अनुसार, इन दवाओं को 150 स्टॉकिस्ट की फर्म के माध्यम से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है। वहां से ये दवाएं तस्करी के रास्ते बांग्लादेश तक पहुंच रही हैं, जहां इनका सेवन और व्यापार बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह धंधा अब एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट का रूप ले चुका है, जो न केवल पूर्वांचल, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी जड़ें फैला चुका है।

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पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश का कनेक्शन: एक बड़ा रैकेट

पूर्वांचल से शुरू होकर बांग्लादेश तक पहुंचने वाली नशीली दवाओं की तस्करी की यह एक जटिल और खतरनाक श्रृंखला बन चुकी है। पश्चिम बंगाल, जो कि एक प्रमुख सीमावर्ती राज्य है, यहां से नशीली दवाओं का अवैध ट्रांसपोर्टेशन तेज़ी से हो रहा है। यह दवाएं पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों से तस्करों द्वारा बांग्लादेश की सीमा तक भेजी जा रही हैं। बांग्लादेश में नशीली दवाओं की भारी मांग है, जहां इनका इस्तेमाल न केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए, बल्कि नशे की लत को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल से इन दवाओं का विदेश में तस्करी के रास्ते भेजे जाने का मामला पिछले कुछ महीनों में कई बार सामने आया है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक सुनियोजित और संगठित गिरोह का काम है, जो न केवल भारतीय बाजार को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका दायरा बढ़ रहा है। ऐसे रैकेट्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और राज्य पुलिस ने मिलकर कई अभियान चलाए हैं, ताकि तस्करों को पकड़ कर इस गंदे कारोबार को खत्म किया जा सके।

नशीली दवाओं की बिक्री से समाज पर पड़ने वाला प्रभाव

नशीली दवाओं का गलत इस्तेमाल समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। विशेष रूप से युवाओं के बीच इन दवाओं की बढ़ती बिक्री और सेवन चिंता का विषय है। दवा विक्रेताओं के सिंडिकेट ने जो रास्ता चुना है, वह न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि यह युवाओं को नशे की लत की ओर भी धकेल रहा है। पूर्वांचल के कई हिस्सों में ये दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं, और यही कारण है कि कई युवाओं ने इन्हें एक एडिक्शन की तरह अपना लिया है। इसके अलावा, ऐसे दवाओं का इस्तेमाल करके कई लोग अपनी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं, जो अंततः गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

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दवा विक्रेताओं और तस्करों के इस गिरोह के द्वारा तस्करी की जा रही दवाओं की संख्या और उनकी पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह पूरे क्षेत्र में फैला हुआ है। जहां एक ओर इन दवाओं का सेवन करने वाले लोग अपनी मानसिक और शारीरिक हालत से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके परिवार भी इस समस्या से परेशान हैं। नशीली दवाओं के सेवन से उत्पन्न होने वाली सामाजिक समस्याएं, जैसे कि अपराधों में वृद्धि, पारिवारिक विवाद और मानसिक तनाव, समाज को और भी परेशान कर रही हैं।

नारकोटिक्स की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस की टीमें इस सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लगातार काम कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में कई दवा विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है, और जांच जारी है। इन गिरफ्तारियों के बाद कई नए तथ्य सामने आए हैं, जो इस सिंडिकेट के नेटवर्क को उजागर करते हैं।

नारकोटिक्स टीम का कहना है कि वे इस पूरे तस्करी रैकेट को खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए कई जाल बिछाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस कार्रवाई से एक संकेत मिलता है कि भारतीय पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अब नशीली दवाओं के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं और इस अवैध व्यापार को खत्म करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं।

कानूनी कदम और नशे की रोकथाम की दिशा

नशीली दवाओं के अवैध कारोबार और उनके गलत इस्तेमाल के बढ़ते मामलों के बाद, सरकार और संबंधित एजेंसियां अब इस पर और अधिक कठोर कदम उठाने की योजना बना रही हैं। सरकार की ओर से नशे की रोकथाम के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें दवाओं के अवैध व्यापार पर कड़ी सजा, तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई, और युवाओं को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान शामिल हैं।

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इसके अलावा, पुलिस विभाग ने प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सीमा पार जांच के उपायों को भी मजबूत किया है। बांग्लादेश तक पहुंचने वाली दवाओं की तस्करी के रैकेट को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग बढ़ाने की योजना है, ताकि इस तरह के अपराधों पर काबू पाया जा सके।

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