चिंतपूर्णी माता आरती : माँ चिंतपूर्णी की कृपा पाने वाली दिव्य आरती

चिंतपूर्णी माताआरती
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माँ चिंतपूर्णी देवी शक्ति की नौ रूपों में से एक विशेष रूप हैं, जिनकी उपासना से सभी प्रकार की चिंता, बाधा और कष्ट दूर हो जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित माँ चिंतपूर्णी का मंदिर शक्तिपीठों में गिना जाता है। भक्तगण माँ की आरती कर उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस लेख में हम Chintpurni Mata Aarti के महत्व, विधि और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Chintpurni Mata Aarti


चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ,
जन को तारो भोली माँ,

काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा !!
!! भोली माँ…!!

सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ,
चिंतपूर्णी चिंता दूर
!! भोली माँ…!!

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो
!! भोली माँ…!!

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला
!! भोली माँ…!!

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो
!! भोली माँ…!!

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये
!! भोली माँ…!!

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान
!! भोली माँ…!!

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया
!! भोली माँ…!!

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ
!! भोली माँ…!!

!! चिंतपूर्णी माता की जय !!

माँ चिंतपूर्णी की आरती केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि भक्त और देवी के बीच का एक आध्यात्मिक संवाद है। यह आरती मन को शांति देती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। यदि आप भी जीवन से चिंता और कष्टों को दूर करना चाहते हैं, तो माँ चिंतपूर्णी की आरती को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और श्रद्धा से उनका स्मरण करें।

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विधि

  • प्रातः या सायं काल माँ की आरती करें।
  • स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
  • पूजन स्थान को स्वच्छ कर दीपक जलाएं।
  • माँ चिंतपूर्णी की मूर्ति या तस्वीर को लाल फूल, चुनरी, कुमकुम, चावल आदि से सजाएं।
  • धूप और दीप से माँ की पूजा करें।
  • फिर श्रद्धा से आरती करें और घंटी बजाएं।
  • अंत में प्रसाद चढ़ाकर सभी में बांटें।

आरती के लाभ

  1. चिंताओं से मुक्ति – जो व्यक्ति नित्य माँ की आरती करता है, उसकी मानसिक चिंताएँ समाप्त हो जाती हैं।
  2. संतान सुख की प्राप्ति – नि:संतान दंपत्ति को संतान का सुख प्राप्त होता है।
  3. सुख-समृद्धि में वृद्धि – घर में माँ की कृपा से धन-धान्य और शांति बनी रहती है।
  4. रोगों से रक्षा – माँ की आरती करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत मिलती है।
  5. मनोकामना पूर्ति – श्रद्धा और विश्वास से की गई आरती से हर इच्छा पूरी होती है।