साहित्यकार चन्द्रमा सिंह की 92वीं जयंती पर परिचर्चा, पुस्तक लोकार्पण एवं काव्यपाठराजेश्वरी महिला महाविद्यालय, वाराणसी में हुआ भव्य आयोजन

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वाराणसी, 30 जुलाई 2025 — वरिष्ठ साहित्यकार चन्द्रमा सिंह की 92वीं जयंती के अवसर पर राजेश्वरी एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबुल ट्रस्ट द्वारा राजेश्वरी महिला महाविद्यालय, हरहुआ, वाराणसी में एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साहित्यकार के जीवन संघर्ष, रचनात्मक योगदान और व्यक्तित्व पर आधारित परिचर्चा, श्रद्धांजलि, पुस्तक लोकार्पण तथा काव्यपाठ जैसे विविध सत्र आयोजित किए गए।

प्रथम सत्र सुबह 10:30 बजे से 1:30 बजे तक चला जिसकी अध्यक्षता बीएचयू के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. रामानन्द राय ने की। मुख्य अतिथि के रूप में एम.जी. काशी विद्यापीठ के हिन्दी विभाग के प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में न्यायाधीश डॉ. चन्द्रभाल सुकुमार उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता डॉ. इंदीवर ने चन्द्रमा सिंह के साहित्यिक अवदान को विस्तार से रेखांकित किया।

इस अवसर पर साहित्यकार चन्द्रमा सिंह के सुपुत्र डॉ. राघवेंद्र नारायण सिंह ने उनके जीवन और रचनाकर्म पर आधारित दो पुस्तकों— “चन्द्रमा सिंह: सृजन और जीवन संघर्ष” तथा “सप्तम कहानी संग्रह: सप्तम उपन्यास की नायिका”—का लोकार्पण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “पिता का जीवन मेरे लिए सिर्फ प्रेरणा नहीं, एक ध्येय पथ है। उनका लेखन संवेदना, संघर्ष और संस्कार की त्रयी है।”

भोजनावकाश के बाद द्वितीय सत्र दोपहर 2:00 से 4:30 बजे तक चला, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राजभाषा अधिकारी दिनेश चन्द्र ने की। मुख्य अतिथि डॉ. रामसुधार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि पं. छतिश कुमार द्विवेदी और भोलानाथ त्रिपाठी ‘विह्नल’ रहे। इस सत्र में आमंत्रित कवियों ने भावपूर्ण काव्यपाठ प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के सफल संचालन में संयोजक नीलम मौर्य एवं मधूलिका राय की विशेष भूमिका रही। सभी वक्ताओं ने चन्द्रमा सिंह की साहित्यिक धरोहर को स्मरण करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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