धन्वंतरि गायत्री मंत्र सेहत और आरोग्य का प्रतीक है। धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक के रूप में जाना जाता है। यह मंत्र न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा के लिए भी उपयोगी है। आज के समय में, जब तनाव और बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है, तो इस मंत्र का जप हमारे जीवन में सकारात्मकता और संतुलन ला सकता है। इस मंत्र में छिपी दिव्य ऊर्जा न केवल हमारे भीतर के रोगों को समाप्त करती है, बल्कि हमें एक नई चेतना और उमंग से भर देती है।
धन्वंतरि गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलशा हस्थाय धीमहि तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात।
ॐ वासुदेवाय विद्महे वैध्यराजाय धीमहि तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात।
ॐ अमुद हस्ताय विद्महे, आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि, तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात्॥
धन्वंतरि गायत्री मंत्र का जप हमारे स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार के लिए एक अद्भुत साधन है। यदि इसे नियमित रूप से श्रद्धा और विश्वास के साथ जपा जाए, तो यह न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि हमें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त करता है। यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने का विज्ञान है। तो आइए, इस दिव्य मंत्र को अपनाएं और अपने जीवन में स्वस्थ, सुखी और संतुलित जीवन का स्वागत करें।