


काशी (वाराणसी) में देव दिवाली का भव्य आयोजन श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। 84 घाटों को 25 लाख दीयों से सजाया गया, जिससे गंगा किनारा एक अद्भुत आलोकमय दृश्य में तब्दील हो गया। इस विशेष अवसर पर हजारों श्रद्धालु और पर्यटक देवताओं की दिवाली के साक्षी बने।

कार्यक्रम के दौरान घाटों पर महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग एक लाख लोगों ने भाग लिया। गंगा आरती का यह दृश्य न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बना। दीपों की जगमगाहट के साथ, 60 मिनट की भव्य आतिशबाजी और लेजर शो ने काशी के आकाश को रंग-बिरंगी रोशनी से सजा दिया।
देव दिवाली पर, हर ओर भक्तिमय वातावरण था। श्रद्धालुओं ने गंगा में दीपदान किया और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना को प्रबल करता है, बल्कि काशी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत करता है।
इस अवसर पर शहर में विशेष व्यवस्थाएं की गईं। घाटों पर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए। पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने इस अनूठे आयोजन का आनंद लिया और देव दिवाली के ऐतिहासिक महत्व को महसूस किया।
काशी की देव दिवाली न केवल भारतीय संस्कृति की अद्वितीयता को दर्शाती है, बल्कि इस आयोजन ने एक बार फिर से इस प्राचीन नगरी को विश्व मंच पर गौरव प्रदान किया।