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लखनऊ में निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों का प्रदर्शन: डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ के दुबग्गा इलाके में स्थित बालाजी अस्पताल में सोमवार तड़के एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसे लेकर मृतक के परिजनों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर जमकर प्रदर्शन किया। यह घटना अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाने से जुड़ी है। मृतक के परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिससे अस्पताल के बाहर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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हास्यास्पद इलाज और डॉक्टरों की लापरवाही

यह घटना सोमवार सुबह की है, जब एक मजदूर इलाज के लिए बालाजी अस्पताल आया था। बताया जा रहा है कि मजदूर को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं और उसने अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने का फैसला किया। लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी हालत बिगड़ गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में उसे उचित इलाज नहीं मिला और डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिससे उसकी जान चली गई।

परिजनों के मुताबिक, इलाज के दौरान डॉक्टरों ने जो लापरवाही दिखाई, उसके कारण ही मजदूर की जान गई। वे यह भी कहते हैं कि मरीज की स्थिति खराब होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने तत्परता से इलाज शुरू नहीं किया, जिससे यह घटना घटित हो गई। परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अपील की है।

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प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

मृतक के परिजनों के गुस्से का सामना करने के बाद, वे शव को अस्पताल के बाहर रखकर विरोध करने लगे। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उन्हें उचित इलाज और ध्यान नहीं मिला, जिसके कारण उनके परिवार के सदस्य की मौत हो गई। उनका कहना था कि अस्पताल प्रशासन की यह लापरवाही नहीं मानी जा सकती और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान अस्पताल के बाहर जमा हुए लोगों की संख्या बढ़ती गई और वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें शांत किया। इसके बाद, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

अस्पताल की ओर से क्या कहा गया

अस्पताल प्रशासन ने मृतक के परिजनों के आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अस्पताल ने इलाज में कोई लापरवाही नहीं की थी और मरीज को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई थी। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि मरीज की हालत गंभीर थी और अस्पताल में उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे स्थिर करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी हालत अचानक बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।

हालांकि, मामले में परिजनों की नाराजगी को देखते हुए अस्पताल ने जांच की बात कही है और मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वे इस घटना की पूरी तरह से जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, यदि कोई लापरवाही पाई जाती है।

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अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा: एक गंभीर सवाल

यह घटना एक बार फिर से अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और उपचार के मानकों पर सवाल खड़ा करती है। अस्पतालों में उपचार के दौरान मरीजों की मौत की घटनाएं हर साल सामने आती हैं, जिनमें से कई मामलों में लापरवाही की बात सामने आती है। खासकर निजी अस्पतालों में, जहां कभी-कभी आर्थिक लाभ की चाह में मरीजों के उपचार के लिए जरूरी ध्यान और समय नहीं दिया जाता।

इस मामले में भी परिजनों ने अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगाया है, जो गंभीर है। अस्पतालों को मरीजों के इलाज के लिए एक उच्च मानक की चिकित्सा सेवा प्रदान करनी चाहिए, ताकि मरीजों की सुरक्षा और उनके जीवन की रक्षा की जा सके। हालांकि, इस मामले में जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि वास्तव में लापरवाही कहां हुई और दोषी को सजा मिले।

लापरवाही और कानूनी कार्रवाई

जब कोई व्यक्ति अस्पताल में इलाज के लिए जाता है, तो उसे यह उम्मीद होती है कि उसे उत्तम चिकित्सा सुविधा मिलेगी। लेकिन यदि इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो जाती है, तो यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर मुद्दा बन जाता है। इस मामले में, मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है और यह उम्मीद जताई है कि पुलिस और प्रशासन उचित कदम उठाएंगे।

कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो अस्पतालों को चिकित्सा सेवा प्रदान करते समय मरीजों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि किसी अस्पताल में लापरवाही पाई जाती है, तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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आखिरकार क्या कदम उठाए जाएंगे

मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद, अगर लापरवाही की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अस्पतालों में मरीजों को उचित इलाज मिले और उनके स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार लोग अपने कर्तव्यों को निभाएं।

इस घटना से यह साफ है कि स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा को लेकर कड़े मानक तय किए जाएं, ताकि किसी भी मरीज को इलाज के दौरान लापरवाही का शिकार न होना पड़े।

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