देशभर में इन दिनों ठंड का प्रकोप और भीषण शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। खासकर उत्तर भारत और मध्य भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश और कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन समग्र स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
हिमाचल प्रदेश और कश्मीर घाटी में राहत की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश और कश्मीर घाटी के अधिकतर इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जारी प्रचंड शीतलहर से अब थोड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही है। इन क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हुई है, जिससे सर्दी में कुछ कमी आई है। हालांकि, सर्दी से राहत मिलते हुए भी, यहां की ठंडी हवाएं और बर्फबारी जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
कश्मीर घाटी में भी सर्दी के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान में थोड़ी और वृद्धि हो सकती है। फिर भी, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और लोग ठंड से जूझ रहे हैं।
मध्य भारत और उत्तर भारत में शीतलहर जारी
मध्य भारत और उत्तर भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड का प्रभाव जारी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इन क्षेत्रों में सर्द हवाओं के कारण दिनभर सर्दी बनी रहती है और रातें और भी कड़क हो गई हैं।
दिल्ली में न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली है, और शीतलहर के कारण यहां की सड़कों पर भी ठंड का असर देखा जा रहा है। सर्दी के मौसम में बढ़ती हुई ठंड ने लोगों को घरों में ही रहने के लिए मजबूर कर दिया है। स्कूलों में भी बच्चों की उपस्थिति में कमी आई है, क्योंकि कड़ाके की ठंड के कारण सड़कें सुनसान हो जाती हैं और लोग घर से बाहर निकलने से बचते हैं।
ओडिशा में भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप
देश के पूर्वी हिस्से, खासकर ओडिशा में भी इस समय ठंड का प्रकोप जारी है। ओडिशा के मयूरभंज जिले के रामतिर्थ में न्यूनतम तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो कि इस क्षेत्र के लिए अत्यंत ठंडा मापे गया तापमान है। यहां पर सर्दी के कारण लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव आ गया है, और लोग खुद को ठंड से बचाने के लिए भारी गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकलते हैं।
ओडिशा में ठंड बढ़ने का कारण मौसम में बदलाव और उत्तर पश्चिमी हवाओं की दिशा में परिवर्तन बताया जा रहा है। प्रदेश में बर्फबारी या भारी बारिश की संभावना न होते हुए भी, तापमान में गिरावट के कारण जीवन सामान्य रूप से प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट: शीतलहर का प्रकोप अगले कुछ दिन रहेगा जारी
मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिम भारत में अगले पांच दिनों तक शीतलहर के जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। मध्य भारत में भी अगले तीन दिनों तक शीतलहर का प्रभाव बना रहने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और यह भी कहा है कि अधिक ठंड से बचने के लिए लोग गरम कपड़े पहनें, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के उपाय करें।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत में सर्द हवाओं का प्रवाह जारी रहेगा, जिससे तापमान और गिर सकता है। इसके साथ ही, राजधानी दिल्ली में भी तापमान में और गिरावट की संभावना है, जो आने वाले दिनों में सर्दी को और बढ़ा सकती है।
शीतलहर से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं और सावधानियां
ठंड के मौसम में शीतलहर का प्रकोप कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। विशेषकर वृद्धों और बच्चों को ठंड के मौसम में खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। शीतलहर के दौरान फेफड़े और हृदय रोगों के मरीजों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक ठंड से श्वसन तंत्र पर असर पड़ सकता है।
इसके अलावा, सर्द हवाओं के कारण त्वचा भी शुष्क हो सकती है, और गठिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। सर्दी के मौसम में भोजन में पर्याप्त गर्म चीजों का सेवन करना और शरीर को गरम रखने के उपायों को अपनाना जरूरी है। मौसम विभाग ने सलाह दी है कि लोग घर से बाहर निकलते समय पूरी तरह से ढंके हुए कपड़े पहनें, और सर्द हवाओं से बचने के लिए खड़े रहने से बचें।