


गाजीपुर: गाजीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद ने एक अहम फैसले में चंदौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार सहित 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज मुकदमे में पुलिस द्वारा दाखिल फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने रिपोर्ट को अविश्वसनीय मानते हुए डीजीपी को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।

मामला वर्ष 2024 में चंदौली पुलिस द्वारा बर्खास्त किए गए दीवान अनिल कुमार से जुड़ा है, जिन्हें गौ तस्कर और गैंगेस्टर घोषित कर गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें न्यायालय से राहत मिली और बर्खास्तगी को रद्द कर पुनः सेवा में बहाल किया गया।
इसके बाद अनिल कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को फर्जी और अपहरण का मामला बताते हुए गाजीपुर सीजीएम कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने तफ्तीश के बाद 29 नवंबर 2024 को नंदगंज थाना को तत्कालीन एसपी अमित कुमार, सर्विलांस व स्वाट टीम के सदस्यों, सदर कोतवाल सहित 18 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
हालांकि पुलिस ने उसी दिन मुकदमा दर्ज कर तत्काल फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी, जिसे वादी ने कोर्ट में चुनौती दी। शनिवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की गई, क्योंकि इसमें दोनों पक्ष पुलिसकर्मी हैं और जांच पर उच्चाधिकारियों का दबाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसी कार्यवाही से आमजन का पुलिस व न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ सकता है और यह राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है। आदेश की प्रति मुख्य सचिव और डीजीपी को भी कार्रवाई हेतु भेजी गई है।