उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की ऐतिहासिक ददरी मेले में चेतक घुड़दौड़ प्रतियोगिता इस बार अपने रोमांच और अद्वितीय नजारे के लिए यादगार बन गई। बिहार के सिवान जिले से आए वीर नामक घोड़े ने बिना सवार अपनी रफ्तार और ताकत से सभी को चौंकाते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। बलिया के बजरंगी और बिजली रानी ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया।
ऐतिहासिक इस ददरी मेले में नगर पालिका द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्धघाटन पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने किया। प्रतियोगिता में 20 घोड़ों ने हिस्सा लिया, लेकिन फाइनल में वीर, बजरंगी और बिजली रानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। हजारों दर्शकों की तालियों के बीच वीर ने अपनी तेज रफ्तार से अंतिम चक्कर में सबको पछाड़ दिया और विजेता घोषित हुआ।
इस रोमांचक दौड़ का एक अनोखा पल तब देखने को मिला जब कल्लू राजा नामक घोड़े का सवार बीच दौड़ में गिर गया, लेकिन घोड़ा अपनी पूरी ताकत से दौड़ता रहा। उसकी हिम्मत और जज्बे को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। आयोजकों ने उसे सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
चार राउंड की इस प्रतियोगिता में पहले चरण में क्रांतिवीर और राकेट ने दमदार शुरुआत की, जबकि दूसरे चरण में राजू और बजरंगी ने बाजी मारी। तीसरे और चौथे राउंड में बिजली रानी और वीर के प्रदर्शन ने सबका दिल जीत लिया।
मुख्य अतिथियों ने विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। आयोजकों ने इस प्रतियोगिता को मेले की सबसे रोमांचक घुड़दौड़ों में से एक करार दिया। बलिया का ददरी मेला इस साल वीर की साहसी और अद्वितीय जीत के कारण लंबे समय तक याद किया जाएगा।