सी.आर.पी. कृषि जैव विविधता परियोजना के सब्जी घटक की केन्द्रवार समीक्षा कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

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वाराणासी जिले के सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में दो दिवसीय सी.आर.पी. कृषि जैव विविधता परियोजना के सब्जी घटक की केन्द्रवार समीक्षा कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ.दय़ाशंकर मिश्र ‘दयालु’ जी माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्रालय,उत्तर प्रदेश सरकार ने किया। माननीय मंत्री जी कहा कि संस्थान में सब्जी उत्पादन की तकनीकियों एवं उन्नत बीजों को विकसित किया है जिससे किसानों ने मौसम-बेमौसम में सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं और बेमौसम में सब्जी न उगाये जाने वाले मिथकों एवं भ्रांतियों को तोड़ दिया है। मंत्री कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गंगा व घाघरा के मैदानी क्षेत्रों में केला व परवल का अत्यधिक उत्पादन किया जा रहा है। सब्जियों की छत पर खेती, सिंचाई के लिये छिड़कवाँ विधि, जैविक व प्राकृतिक खेती अपनाने एवं खाद्य सुरक्षा हेतु कीटनाशी रसायनों के प्रयोग में कमी लाने की बात कही। सब्जियों की खेती से पोषण सुरक्षा के साथ-साथ किसान अधिक आय भी प्राप्त कर सकते हैं। आयुष की जड़ वनस्पतियों पर आश्रित है और औषधीय वनस्पतियाँ एवं सब्जियाँ मानव जीवन का आधार है।
डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, निदेशक, एन.बी.पी.जी.आर., नई दिल्ली ने जैव विविधता संरक्षण एवं उपयोग हेतु खाद्यान्नों दलहनों, तिलहनों, फलों एवं सब्जियों और लाभकारी सूक्ष्मजीवों के लिये चलाई जा रही सी.आर.पी. परियोजनों के विभिन्न आयामों को विस्तार से बताया। आनुवंशिक संसाधन का उपयोग कर फसलों का उन्नयन कर जैव पोषणीय विविधता से संवर्धित किया जा रहा है। पौध जननद्रव्यों का उपयोग कर वैज्ञानिक वर्ष भर उगाई जाने वाली टमाटर एवं गोभी की किस्में विकसित करने में सफल हुये हैं।
डॉ. राजेश कुमार, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने स्वागत संबोधन दिया। डॉ. राजेश कुमार ने संस्थान का संक्षिप्त परिचय दिया। संस्थान में चल रही परियोजनाओं एवं विकसित तकनीकियों और नवाचारों द्वारा किसानों को हो रहे लाभों से अवगत कराया। संस्थान ने विगत दशकों में सब्जी फसलों की 129 किस्मों को खेती के लिये विमोचित किया है। सब्जी बीज उत्पादन, सब्जी रोग प्रबंधन, सब्जी कीट प्रबंधन, सब्जियों में सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन, जननद्रव्य संग्रहण, तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन, सब्जी पोषण वाटिका एवं किसानों के प्रक्षेत्र में सब्जी प्रदर्शन के विभिन्न पहलुओं को अति विस्तार से बताया। उन्होने विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किये गये जिलावार किसान संवादों एवं समस्याओं, चुनौतियों और भावी नीतियों को भी बताया।
इस कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक एवं एन.बी.पी.जी.आर. के वैज्ञानिकों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शैलेश कुमार तिवारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ए.एन. सिंह, विभागाध्यक्ष, फसल सुरक्षा विभाग ने किया।

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