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क्रिसमस 2024: साल का सबसे बड़ा त्योहार

क्रिसमस 2024: साल का सबसे बड़ा त्योहार

क्रिसमस, साल का सबसे प्रमुख और खूबसूरत पर्व, बस आने ही वाला है। यह त्योहार साल के आखिरी महीने, दिसंबर में मनाया जाता है। 25 दिसंबर को हर साल क्रिसमस का जश्न पूरी दुनिया में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसे धर्म, जाति या सीमा से परे हर कोई खुशी और उमंग के साथ मनाता है। क्रिसमस की खासियत और तैयारी क्रिसमस की बात हो और क्रिसमस ट्री का जिक्र न हो, ऐसा संभव नहीं। लोग अपने घरों और ऑफिस में क्रिसमस ट्री को खूबसूरत…
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स्वर्वेद महामंदिर में देश- विदेश से पहुंचे श्रद्धालु

दो दिनी महानुष्ठान कल से प्रारम्भ, बहेगा स्वर्वेद ज्ञान का अमृत वाराणसी(काशीवार्ता)। स्वर्वेद महामंदिर धाम के प्रांगण में 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में आहुति देने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेश से आने वाले अनुयायियों का रेला पहुंचने लगा है। कार्यक्रम की संपूर्ण तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस महा आयोजन में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश सहित बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बंगाल, आसाम, महाराष्ट्र समेत कई प्रान्तों तथा अन्य कई देशों से भी विहंगम योग के अनुयाइयों के आने का सिलसिला आज भी जारी रहा। सभी 'अ' अंकित श्वेत ध्वजा लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे…
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महाकुम्भ के लिए केंद्र से मिलेगा 2100 करोड़ रुपए का ‘उपहार’

- दिव्य, भव्य, डिजिटल महाकुम्भ के लिए केंद्र सरकार ने 1050 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की - योगी सरकार पहले ही कर चुकी है 5435 करोड़ से अधिक की व्यवस्था - प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन - केंद्र से विशेष सहायता मिलने के बाद और ज्यादा सुव्यवस्थित और सुरक्षित होगा महाकुम्भ का आयोजन लखनऊ, 3 दिसंबर। जनपद प्रयागराज में आगामी जनवरी माह से शुरू हो रहे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक समागम- 'महाकुम्भ-2025' के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा 'उपहार' भेजा…
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भगवान को भूल जाना ही सबसे बड़ा विपत्ति है

शिवपुर भगवान को भूल जाना ही सबसे बड़ा विपत्ति है मनुष्य जीवन में, और उन्हे सदैव स्मरण रखना सबसे महत्वपूर्ण सम्पत्ति है। इसलिये मनुष्य को जीवन में सदैव नारायण का नाम स्मरण रखना चाहिए। शिवपुर रामलीला मैदान में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन प्रवचन के दौरान कथा वाचिका शिवांगी किशोरी जी ने बताया कि भागवत कथा को वेदों उपनिषदों का सार बताते हुए उन्होने कहा कि भागवत कथा का अर्थ भगवान के भक्त की कथा है। भागवत का मतलब ही भगवान का भक्त होता है। यदि यह भगवान की कथा होती, तो इसे भगवत कथा कहते। और…
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डॉक्टर वैभव और डॉक्टर श्वेता की शादी में वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित अथर्व लॉन में 25 नवंबर 2024 को बीजेपी नेता रत्नाकर राय के बेटे डॉक्टर वैभव और डॉक्टर श्वेता की शादी धूमधाम से संपन्न हुई। इस खास मौके पर विभिन्न वरिष्ठ नेता, समाज के प्रमुख लोग, और परिवार के सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देकर उनके नए जीवन की शुरुआत को खास बना दिया। इस शानदार शादी समारोह में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का प्रमुख योगदान रहा। एमएलसी धर्मेंद्र सिंह, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, सांसद वीरेंद्र सिंह के प्रतिनिधि शिव प्रकाश सिंह, कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह बबलू, काशी क्षेत्र के अध्यक्ष…
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सारनाथ में मूलगंध कुटी विहार के 93वें वार्षिकोत्सव पर उपमुख्यमंत्री का संबोधन

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को सारनाथ में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित मूलगंध कुटी विहार के 93वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर स्तुति की और आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर किया गया था। उपमुख्यमंत्री का स्वागत बौद्ध भिक्षु सुमितानंद थेरो ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र-छात्राओं द्वारा भगवान बुद्ध के सम्मान में निकाली गई शोभायात्रा और स्वागत गीत से हुई। इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने महाबोधि…
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काशी के घाटों पर देव दीपावली: एक अद्भुत प्रकाश पर्व

देव दीपावली, जिसे देवताओं की दिवाली के रूप में भी जाना जाता है, वाराणसी में मनाया जाने वाला एक अनूठा और विशेष पर्व है। यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो दिवाली के पंद्रह दिनों बाद आता है। वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, इस दिन लाखों दीयों से जगमगा उठता है। विशेष रूप से वाराणसी के पवित्र 84 घाटों पर दीपों की जगमगाहट अद्भुत नजारा प्रस्तुत करती है। इसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर वर्ष यहाँ आते हैं। देव दीपावली का महत्व और इतिहास देव दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत…
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छठ पूजा पर 7 नवंबर को वाराणसी में स्थानीय अवकाश घोषित

वाराणसी। छठ पूजा पर्व के उपलक्ष्य में वाराणसी जिले में 7 नवंबर, गुरुवार को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। यह घोषणा जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेशानुसार की गई है। इस स्थानीय अवकाश के संबंध में जानकारी अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव द्वारा प्रदान की गई है। छठ पूजा उत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसमें सूर्य देवता की उपासना की जाती है। इस पर्व का विशेष महत्व है, और इसे श्रद्धालु बड़े धूमधाम और आस्था के साथ मनाते हैं। छठ पूजा के अवसर पर व्रतधारी अपने परिवार के साथ नदी या तालाब के किनारे…
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नहाय-खाय से शुरू हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ

लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। चार दिवसीय इस पर्व में पहले दिन व्रती श्रद्धालु गंगा या किसी पवित्र जलस्रोत में स्नान कर शुद्धता का प्रतीक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे नहाय-खाय कहा जाता है। इस दिन व्रती लौकी की सब्जी, चना दाल और चावल का विशेष भोजन तैयार करते हैं। यह भोजन पवित्रता और सात्विकता का परिचायक होता है, जिसे ग्रहण कर व्रती अगले तीन दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हैं। छठ पर्व मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन…
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धनुष यज्ञ रामलीला में श्रीराम का रोमांचक पराक्रम

अमड़ा में शनिवार की रात 78वां धनुष यज्ञ रामलीला का जीवंत मंचन हुआ। 1947 में स्थापित रामलीला समिति ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया। भीड़ ने रामलीला का आनंद लिया, जहां प्रभु श्रीराम ने शिव धनुष तोड़कर देवी सीता को वरमाला पहनाई। इस स्वयंवर में राजा जनक ने कठिन शर्त रखी थी कि जो भी भगवान शिव के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाएगा, वही सीता का पति बनेगा। रावण और बाणासुर जैसे महाबली योद्धा भी असफल रहे। अंततः भगवान श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र के आदेश पर शिव धनुष तोड़कर सभी को चौंका दिया। मुख्य भूमिकाओं में हरिओम पाठक (श्रीराम), ऋषभ…
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