Festival

महाकुंभ 2025: अखाड़ों की परंपरा और उनके इतिहास की रोचक कहानी

महाकुंभ 2025: अखाड़ों की परंपरा और उनके इतिहास की रोचक कहानी

साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। कुंभ मेले को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से हिस्सा लेने आते हैं। इस मेले की खास बात शाही स्नान है, जो अखाड़ों के नागा साधुओं द्वारा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अखाड़ा क्या है और इसकी परंपरा कैसे शुरू हुई? इस लेख में हम आपको अखाड़ों की उत्पत्ति, उनके महत्व और महाकुंभ में उनकी भूमिका के…
Read More

काशी में आयोजित हुआ भव्य मेगा इंटरनेशनल दिव्यांग फैशन शो

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण एवं उनको राष्ट्र की मुख्य धारा में सम्मिलित करने हेतु अनमोल सेवा समिति व दिव्य समाज वाराणसी द्वारा बाबतपुर स्थित बनारस किला में आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग फैशन शो का आयोजन हुआ जिसकी मुख्य अतिथि इंटरनेशनल दिव्यांग पैरा शूटर सुमेधा पाठक रही इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को अवसर मिले तो वे हर क्षेत्र में सामान्यजनों से बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी कृपानंद जी महाराज ने कहा कि भारत में दिव्यांग जनों का एक सशक्त इतिहास रहा है।इस अवसर पर दिव्यांग बंधु डॉ उत्तम ओझा ने कहा कि देश के…
Read More
राष्ट्रीय किसान दिवस: क्यों मनाया जाता है 23 दिसंबर को, और क्या है इसका महत्व?

राष्ट्रीय किसान दिवस: क्यों मनाया जाता है 23 दिसंबर को, और क्या है इसका महत्व?

नई दिल्ली: भारत में 23 दिसंबर को हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस (Kisan Diwas) मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। इस दिन का उद्देश्य किसानों के योगदान को मान्यता देना और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए जागरूकता फैलाना है। विशेष रूप से इस बार के किसान दिवस का विषय "स्थायी कृषि के लिए किसानों को सशक्त बनाना" रखा गया है, जो कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की स्थिति सुधारने की दिशा में…
Read More
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस: 20 दिसंबर, एकता का उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस: 20 दिसंबर, एकता का उत्सव

हर साल 20 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाया जाता है, जो देशों को अपने अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन दुनिया भर के नागरिकों को एकजुटता के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि शांति, सामाजिक न्याय और सतत विकास के साझा लक्ष्यों की दिशा में सभी मिलकर काम कर सकें। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2005 को इस दिन को औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के रूप में घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मानव…
Read More
मेरठ महोत्सव : हेमा मालिनी, कुमार विश्वास सहित कई दिग्गज कलाकारों का जलवा

मेरठ महोत्सव : हेमा मालिनी, कुमार विश्वास सहित कई दिग्गज कलाकारों का जलवा

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इस साल का महोत्सव एक भव्य और संगीतमय आयोजन के रूप में प्रस्तुत होने जा रहा है। 21 से 25 दिसंबर तक आयोजित होने वाले "मेरठ महोत्सव" में बॉलीवुड की प्रमुख हस्तियों और देश के प्रसिद्ध कलाकारों का जमावड़ा होने वाला है। इस महोत्सव में देशभर से कलाकार, कवि, संगीतकार और अन्य सांस्कृतिक दिग्गज अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। आयोजन का मुख्य स्थल शहर का प्रसिद्ध विक्टोरिया पार्क होगा, जहां पर रंगारंग कार्यक्रमों और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह महोत्सव न केवल मेरठ के लिए, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए…
Read More
महाकुंभ 2025: काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन में बदलाव, सिर्फ झांकी दर्शन होंगे

महाकुंभ 2025: काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन में बदलाव, सिर्फ झांकी दर्शन होंगे

महाकुंभ 2025 के दौरान काशी (वाराणसी) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी, क्योंकि हर साल की तरह इस बार भी देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचेंगे। काशी, जो हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, महाकुंभ के आयोजन के कारण और भी प्रमुख हो जाएगा। इस बार के महाकुंभ में भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिससे उन्हें बाबा विश्वनाथ के सीधे दर्शन की बजाय झांकी दर्शन का अनुभव होगा। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सुरक्षा और व्यवस्था पर…
Read More
महाकुंभ 2025: टेंट बुकिंग के लिए जरूरी गाइड, जानें कैसे करें IRCTC टेंट सिटी में रिजर्वेशन

महाकुंभ 2025: टेंट बुकिंग के लिए जरूरी गाइड, जानें कैसे करें IRCTC टेंट सिटी में रिजर्वेशन

भारत का महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाला यह मेला करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। ऐसे में IRCTC ने टेंट सिटी का विशेष प्रबंध किया है, जहां पर्यटक और श्रद्धालु आराम से ठहर सकते हैं। अगर आप भी महाकुंभ में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो टेंट बुकिंग की पूरी जानकारी इस लेख में पाएं। IRCTC टेंट सिटी: क्या है खास महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन)…
Read More
गुरु घासीदास जयंती: सतनामी समाज के जनक और उनकी अमर विरासत

गुरु घासीदास जयंती: सतनामी समाज के जनक और उनकी अमर विरासत

छत्तीसगढ़ में हर साल 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। गुरु घासीदास, जो सतनामी समाज के जनक और हिंदू धर्म में सतनाम संप्रदाय के प्रवर्तक थे, ने अपने जीवनकाल में सामाजिक समानता और धार्मिक सुधार की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी सतनामी समाज और छत्तीसगढ़ राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गुरु घासीदास का जीवन परिचय गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी गांव में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का…
Read More
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी: इस दिन न करें ये गलतियां, व्रत के नियमों का रखें विशेष ध्यान

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी: इस दिन न करें ये गलतियां, व्रत के नियमों का रखें विशेष ध्यान

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार यह शुभ तिथि 18 दिसंबर को पड़ी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। विशेष रूप से इस दिन व्रत और दान-पुण्य का महत्व होता है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर व्रत का महत्व अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखना बेहद फलदायी माना गया है। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-शांति और…
Read More
महाकुंभ 2025: पर्यावरण बाबा का अनोखा अंदाज, हीरे की घड़ी, सोने का हार और दस कंगन पहनकर कुंभ में पहुंचें

महाकुंभ 2025: पर्यावरण बाबा का अनोखा अंदाज, हीरे की घड़ी, सोने का हार और दस कंगन पहनकर कुंभ में पहुंचें

प्रयागराज, जनवरी 2025: महाकुंभ की तैयारी जोरों पर है और हर साल की तरह इस बार भी देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस पवित्र आयोजन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। लेकिन इस बार महाकुंभ में कुछ खास देखने को मिलेगा। कुंभ नगरी में पहुंचे हैं एक ऐसे बाबा, जिन्हें लोग अब 'पर्यावरण बाबा' के नाम से जानते हैं। इनके पहनावे और तरीके इतने अलग हैं कि ये किसी साधु से कम नहीं लगते, लेकिन इनकी विचारधारा और उद्देश्य पूरे महाकुंभ में एक नया रंग जोड़ने का है। इन बाबा का लक्ष्य न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय…
Read More