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मां कुष्मांडा देवी का हुआ चूड़ियों से श्रृंगार

मां कुष्मांडा देवी का हुआ चूड़ियों से श्रृंगार

वाराणसी। दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा देवी के मंदिर में पवित्र माह सावन में बुधवार को पंडित ऋषभ दुबे द्वारा माता रानी का हजारों रंगबिरंगे चूड़ियों से श्रृंगार किया गया।श्रृंगार के बाद माता रानी और भी भव्य लग रही थी।
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बाबा की पंचबदन चल प्रतिमा का तिरंगा श्रृंगार व कजरी उत्सव।श्रावण पूर्णिमा पर बाबा का होगा झुलनोत्सव।

बाबा की पंचबदन चल प्रतिमा का तिरंगा श्रृंगार व कजरी उत्सव।श्रावण पूर्णिमा पर बाबा का होगा झुलनोत्सव।

वाराणसी। श्रावण पूर्णिमा पर बाबा काशी विश्वनाथ के झूलनोत्सव की पूर्व परंपरानुसार बाबा की कजरी का आयोजन टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर किया गया। कजरी से पहले बाबा की पंचबदन प्रतिमा का पारंपरिक रूप से  तिरंगा श्रृंगार किया गया।  उपस्थित भक्तों  द्वारा बाबा की कजरी और बाबा के भजन गाए गए। झूला धीरे से झुलाऊं महादेव,गंगा किनारे पढ़ा हिंडोल, डमरूवाले औघड़दानी, झिर झिर बरसे सावन रस बूंदिया, कहनवा मानो ओ गौरा रानी, जय जय हे शिव परम पराक्रम ,तुम बिन शंकर आदि रचनाएं उदीयमान कलाकारों ने बाबा के चरणों में अर्पित कीं। गायन करने वालों में मिर्जापुर के ध्रुवु मिश्रा,…
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सावन में भगवान शंकर को प्रसन्न करने के उपाय

सावन में भगवान शंकर को प्रसन्न करने के उपाय

सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस पवित्र महीने में शिवभक्त भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए अनेक विधियों का पालन करते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए जा रहे हैं, जिनसे आप भगवान शंकर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं: भगवान शिव का अभिषेक: सावन के महीने में शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। अभिषेक के दौरान "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करें: रुद्राक्ष को भगवान शिव का…
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काशी के न्यायाधीश बाबा लाट भैरव का भव्य हरियाली शृंगार

काशी के न्यायाधीश बाबा लाट भैरव का भव्य हरियाली शृंगार

दुर्वा घास से सराबोर विग्रह, मस्तक पर शोभित हुआ मोरपंख सावन के चौथे सोमवार को कज्जाकपुरा स्थित बाबा श्री कपाल भैरव प्रसिद्ध लाट भैरव का भव्य हरियाली शृंगार किया गया।श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंधक समिति के तत्वावधान में बाबा श्री को स्नानादि कराने के बाद रत्नाभूषण, रजत मुंडमाला, बारे की माला, पुष्पहार सहित आठ प्रकार के मालाओं से विधिवत शृंगार किया गया था।पूरे विग्रह को दुर्वा घास से अलंकृत किया गया था।बाबा के मस्तक पर मोरपंख शोभायमान था।मां भारती के आंगन में चहुंओर हरीयाली हो इस कामना संग विशेष अनुष्ठान किया गया।मंदिर के गर्भगृह में प्रथम पूज्यदेव गणेश,…
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बाबा काल भैरव की सजी हिम श्रृंगार की झांंकी

बाबा काल भैरव की सजी हिम श्रृंगार की झांंकी

वाराणसी। काशी के कोतवाल श्री श्री 1008 बाबा काल भैरव नाथ जी का वार्षिक हिम श्रृंगार की झांकी मंगलवार को भव्य रूप से सजायी गयी। देर रात तक भक्तों ने बाबा के चरणों में हाजिरी लगायी। और जीवन मंगल की कामना की।मंदिर के पुजारी व सेवक पवन उपाध्याय के नेतृत्व में मंगलवार की सुबह बाबा का पंचामृत से स्नान कराया गया,इसके पश्चात सिंदूर व तेल का लेपन पर चोला चढ़ाया गया, विभिन्न सुगंधित पुष्पों से बाबा का भव्य श्रृंगार किया गया। मंगलाआरती के बाद मंदिर का पट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। सुबह से ही बाबा के दर्शन…
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” लोक कल्याण की कामना से नमामि गंगे ने उतारी भगवान जगन्नाथ की आरती “

” लोक कल्याण की कामना से नमामि गंगे ने उतारी भगवान जगन्नाथ की आरती “

" रथयात्रा मेले में जगाई स्वच्छता की अलख " " पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर तुलसी के पौधे का किया वितरण " विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेले के प्रथम दिन नमामि गंगे ने बलभद्र सुभद्रा जगन्नाथ जी की आरती उतारकर लोक कल्याण की कामना की । भगवान जगन्नाथ को प्रिय वस्तुओं का भोग लगाकर खुशहाल और आत्मनिर्भर भारत के लिए गुहार लगाई । सदस्यों ने काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में रथ के आसपास सफाई कर स्वच्छता को संस्कार के रूप में शामिल करने का संदेश दिया । रथयात्रा मेले में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं एवं पूजन सामग्री के…
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बाबा कालभैरव के पंचबदन प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई

बाबा कालभैरव के पंचबदन प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई

वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेले के पहले दिन बाबा कालभैरव के पंचबदन प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा चौखंबा स्थित काठ की हवेली से स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के तत्वावधान में निकाली गई। इस भव्य आयोजन में सुसज्जित छतरी युक्त घोड़ों पर देव प्रतिमाएं विराजमान थीं, जिनमें राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, शंकर, गणेश, नारद और ब्रह्मा जी शामिल थे। इनके साथ दो दरबान भी शोभायात्रा का हिस्सा बने। डमरू दल और शहनाई की धुन के बीच शोभायात्रा का आकर्षण बढ़ता गया। शोभायात्रा का अंतिम आकर्षण था, फूलों से सुसज्जित बाबा कालभैरव का स्वर्णिम रथ। यह रथ शोभायात्रा…
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वाराणसी में आज से रथयात्रा मेला शुरू, भोर से ही दर्शनार्थियों की भीड़

वाराणसी में आज से रथयात्रा मेला शुरू, भोर से ही दर्शनार्थियों की भीड़

वाराणसी में आज से रथयात्रा मेला शुरू हुआ, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सुबह से ही भगवान जगन्नाथ के रथ के दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। इस बार, मेला वर्षा के बीच शुरू हुआ, जिससे भगवान जगन्नाथ का रथ भीग गया, परंतु श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। बारिश के बावजूद, लोग पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रभु के दर्शन के लिए कतार में खड़े रहे। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय किए गए…
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घर में इस दिशा में बनाये पूजा घर,सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार

घर में इस दिशा में बनाये पूजा घर,सकारात्मक ऊर्जा का होगा संचार

भारत में घर के भीतर पूजा घर का स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसे धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का केंद्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र, जो प्राचीन भारतीय वास्तुकला और डिजाइन की प्रणाली है, पूजा घर के लिए उचित दिशा और स्थान निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ एक संक्षिप्त लेख है जिसमें बताया गया है कि पूजा घर किस दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर के लिए सर्वश्रेष्ठ दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) मानी जाती है। यह दिशा भगवान शिव और अन्य देवताओं की दिशा मानी जाती है, और इसे शांति, सकारात्मक…
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सावन मास में इस बार 5 सोमवार

सावन मास में इस बार 5 सोमवार

सावन मास, हिंदू पंचांग में एक महत्वपूर्ण मास है जिसे भगवान शिव के प्रिय मास के रूप में जाना जाता है। इस मास की शुरुआत और समापन सोमवार को होने वाला महायोग इसे और भी विशेष बना देता है। इस बार, सावन का प्रारंभ 22 जुलाई को होगा और यह 29 दिनों तक चलेगा। इस मास में पांच सोमवार पड़ने के कारण इसे 'पांच सोमवार' भी कहा जाता है, जो भगवान शिव के लिए विशेष माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा और आराधना करने वाले भक्तों की संख्या में वृद्धि होती…
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