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बाबा बालकनाथ की आरती: जीवन की जोत जगात और कृपा के साधन

बाबा बालकनाथ की आरती: जीवन की जोत जगात और कृपा के साधन

बाबा बालकनाथ जी की आरती और जीवन की निष्ठा उनके क्षेत्र भक्तों को अमोच्क श्ांति और आध्यात्मा प्रदान करती है। यह आरती नकी ज्योति स्बास की चीन और अास्था की ज्योति ने भक्त जीवन को क्षेत्रछय की ओर बाग का रास्ता दिया है। इस लेख में और आरती की जानकारी, कार्य की विधि और उसके लाभ की चर्चा की गई है। आरती ॐ जय कलाधारी हरे,स्वामी जय पौणाहारी हरे।भक्त जनों की नैया,दस जनों की नैया।भव से पार करे,ॐ जय कलाधारी हरे ॥बालक उमर सुहानी,नाम बालक नाथा।अमर हुए शंकर से,सुन के अमर गाथा ।ॐ जय कलाधारी हरे ॥ शीश पे बाल…
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लक्ष्मी आरती लिरिक्स: माँ लक्ष्मी की कृपा पाने का दिव्य मार्ग

लक्ष्मी आरती लिरिक्स: माँ लक्ष्मी की कृपा पाने का दिव्य मार्ग

माँ लक्ष्मी को धन, वैभव, और सौभाग्य की देवी माना जाता है। उनकी आरती न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाली दिव्य साधना भी है। लक्ष्मी आरती लिरिक्स का पाठ हर भक्त के लिए विशेष फलदायी होता है, विशेष रूप से दीपावली, शुक्रवार, और पूर्णिमा के दिन। इस लेख में हम माँ लक्ष्मी की आरती के बोल, उसे करने की विधि और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे। आरती लिरिक्स मंत्र महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि,हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे॥पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे,सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं॥ आरती…
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जीण माता की आरती: जीवन की कृपा प्राप्त करने वाली दिव्य आरती

जीण माता की आरती: जीवन की कृपा प्राप्त करने वाली दिव्य आरती

जीण माता राजस्थान रीजस्थान के जैन नारीयों की अत्यंत पूज्या हैं जिन्हें मां स्वयं की यात्रा मानी जाती हैं। एक और जहां जीण माता की आरती की जात है, जो न केवल जीवन में श्रद्धा और भक्ति को देवी चारा देती है। इस लेख में आप जानेंगे माता की आरती की लिरिक्स, उनकी आरती की विधि और उसके जीवनी लाभों की जानकारी करेंगे। माता की आरती ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया,सच्चे मन से सुमिर, सब दुःख दूर भयाओम जय श्री जीण मइया… ऊंचे पर्वत मंदिर , शोभा अति भारी,देखत रूप मनोहर , असुरन भयकारीओम जय…
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: पुण्य, भक्ति और कल्याण का पावन स्त्रोत

: पुण्य, भक्ति और कल्याण का पावन स्त्रोत

भारतीय सनातन संस्कृति में तुलसी माता को देवी स्वरूप माना गया है। इन्हें लक्ष्मी जी का ही एक रूप कहा जाता है और यह श्रीहरि विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। जय तुलसी माता केवल एक उद्घोष नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और शुद्ध जीवन का प्रतीक है। इस लेख में हम तुलसी माता के महत्व, पूजन विधि और लाभों के विषय में विस्तार से जानेंगे। Jai Tulsi Mata जय जय तुलसी माता…सब जग की सुख दाता, वर दाता !! !! जय जय तुलसी माता !!सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर…रुज से रक्षा करके भव त्राता !! !! जय जय…
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अन्नपूर्णा माता की आरती: जीवन में समृद्धि और अन्नवृद्धि का आह्वान

अन्नपूर्णा माता की आरती: जीवन में समृद्धि और अन्नवृद्धि का आह्वान

अन्नपूर्णा माता को अन्न और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनका नाम ही इस बात का प्रतीक है कि वे अन्न से पूर्ण करती हैं , न सिर्फ तन का, बल्कि आत्मा का भी पोषण करती हैं। माता की आरती करने से जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं रहती और मन, मस्तिष्क तथा घर-परिवार में शांति बनी रहती है। इस लेख में हम अन्नपूर्णा माता की आरती के महत्व, सही विधि और उससे होने वाले लाभों पर प्रकाश डालेंगे। Annapurna Mata Ki Aarti ॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥ !! बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम !! जो नहीं…
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कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र: सभी कार्यों में सफलता पाने का दिव्य उपाय

कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र: सभी कार्यों में सफलता पाने का दिव्य उपाय

हनुमान जी भारतीय संस्कृति में पराक्रम, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जो विशेष रूप से किसी कार्य में सफलता पाने, रुकावटों को दूर करने और आत्मबल प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस लेख में हम आपको इस मंत्र की विधि, लाभ और महत्व के साथ-साथ इसका पाठ भी प्रदान कर रहे हैं। Karya Siddhi Hanuman Mantra भय नाश के लिए मंत्र ॐ हं हनुमंते नम: ,ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट॥महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते,हारिणे वज्र…
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर लिरिक्स इन हिंदी: महाबली का स्मरण जो हर संकट से दिलाए उबार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर लिरिक्स इन हिंदी: महाबली का स्मरण जो हर संकट से दिलाए उबार

हनुमान जी को कलियुग के सबसे जागृत देवता माना जाता है। उनका स्मरण मात्र से भय, रोग, शोक और समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं। जय हनुमान ज्ञान गुण सागर चौपाई हनुमान चालीसा की पहली पंक्ति है, जो भगवान हनुमान जी के तेज, ज्ञान और शक्ति का प्रत्यक्ष बखान करती है। इस लेख में हम इस पावन चौपाई के लिरिक्स, जाप की विधि, इसके लाभ और एक सुंदर समर्पित निष्कर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर लिरिक्स हिंदी में दोहा श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥बुद्धिहीन तनु…
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गायत्री मंत्र का अर्थ: आध्यात्मिक जागृति का अमृतमंत्र

गायत्री मंत्र का अर्थ: आध्यात्मिक जागृति का अमृतमंत्र

गायत्री मंत्र को वेदों की जननी और सर्वोच्च मंत्रों में गिना जाता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक बल प्रदान करता है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शुद्धि का स्रोत भी है। ‘गायत्री मंत्र का अर्थ’ जानना हमारे लिए आवश्यक है ताकि इसका जप करते समय हम केवल ध्वनि नहीं, उसकी आत्मा को भी अनुभव कर सकें। इस लेख में हम आपको गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ, इसकी जप विधि और लाभों की जानकारी सरल और भावनात्मक शैली में देंगे। गायत्री मंत्र का अर्थ ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं,भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। अर्थ– उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ,…
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Sundarkand Stotra: राम भक्तों के लिए एक दिव्य मार्गदर्शक

Sundarkand Stotra: राम भक्तों के लिए एक दिव्य मार्गदर्शक

सभी भक्तों के जीवन में Sundarkand Stotra एक अद्भुत संजीवनी की तरह कार्य करता है। यह रामचरितमानस का अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली भाग है, जो हनुमान जी के पराक्रम, भक्ति और बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ न केवल संकटों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि आत्मबल, विश्वास और आध्यात्मिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करता है। सुन्दरकाण्ड पाठ ॐ श्री गणेशाय नमः। श्रीजानकीवल्लभो विजयते,श्रीरामचरितमानस पञ्चम सोपान श्री सुन्दरकाण्ड। श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं।ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥1 ॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये।सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा॥भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे,कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥2॥ अतुलितबलधामं…
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दुर्गा गायत्री मंत्र: देवी माँ की कृपा प्राप्त करने का दिव्य माध्यम

दुर्गा गायत्री मंत्र: देवी माँ की कृपा प्राप्त करने का दिव्य माध्यम

दुर्गा गायत्री मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है, जो माँ दुर्गा की उपासना में विशेष महत्व रखता है। यह मंत्र भक्तों को न केवल आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी सरल बना देता है। इस लेख में हम Durga Gayatri Mantra के जप की विधि, इसके लाभ और इसका महत्व एक सरल और प्राकृतिक भाषा में समझाएंगे। Durga Gayatri Mantra ओम् कात्यान्ये च विद्मिहे कन्याकुमार्ये धीमहि,तन्नो: देवी  प्रचोदयात। ओम् गिरिजायये  विद्मिहे शिवप्रियाये धीमहि,तन्नो: दुर्गा  प्रचोदयात। दुर्गा गायत्री मंत्र केवल एक मंत्र नहीं बल्कि माँ की शक्ति का सार है। जो भी…
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