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काशी में गायों के लिए काऊ कोट की व्यवस्था, ठंड से बचाव के लिए विशेष कदम

काशी में गायों के लिए काऊ कोट की व्यवस्था
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काशी, जहां भगवान शिव का वास है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर दिन होती है, अब यहां के निराश्रित गायों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। ठंड के मौसम को देखते हुए, काशी में पशु आश्रय केंद्रों में रखी गई गायों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें काऊ कोट पहनाए जाएंगे। यह पहल काशी के पशुपालन विभाग और नगर निगम द्वारा की जा रही है, ताकि इन निराश्रित गायों को ठंड से बचाया जा सके और उनका भला किया जा सके।

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पशु आश्रय केंद्रों में गायों के लिए विशेष इंतजाम

काशी में स्थित पशु आश्रय केंद्रों में बड़ी संख्या में निराश्रित गायों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म रखने की तैयारी की जा रही है। इन केंद्रों में पशुपालन विभाग और नगर निगम के सहयोग से गायों के लिए काऊ कोट की व्यवस्था की जाएगी, जो उन्हें ठंड से बचाएगा और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखेगा। काऊ कोट उन गायों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा जो खुले में सड़कों पर या अन्य स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं।

ठंड से बचाव के लिए डाइट में होगा बदलाव

कहीं भीषण ठंड से बचने के लिए हम इंसान अपने शरीर का ख्याल रखते हैं, वहीं पशुओं के लिए भी ऐसे ही ठंड के मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। काशी में ठंड के मौसम में गायों को न केवल ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट दिए जाएंगे, बल्कि उनकी डाइट में भी बदलाव किया जाएगा। गायों को उनके पोषण की जरूरतों के मुताबिक विशेष आहार दिया जाएगा, जिससे उनकी सेहत बनी रहे और वे ठंड से प्रभावित न हों। उन्हें गुड़, तिल और मक्का जैसे गर्म पदार्थ खिलाए जाएंगे, जो उनके शरीर को गर्म रखने में मदद करेंगे।

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काऊ कोट और डाइट की महत्वता

काऊ कोट और डाइट में बदलाव का मुख्य उद्देश्य गायों को न केवल ठंड से बचाना है, बल्कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारना है। काऊ कोट पहनने से गायों के शरीर का तापमान नियंत्रित रहेगा और वे सर्दियों में बीमार नहीं पड़ेंगी। इसके साथ ही, उनकी डाइट में गुड़, तिल और मक्का जैसी गर्म चीजें शामिल की जाएंगी, जो उनकी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करेंगी। ये सभी उपाय गायों के बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए किए जा रहे हैं।

पशुपालन विभाग और नगर निगम का सहयोग

इस महत्वपूर्ण पहल को सफल बनाने के लिए पशुपालन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने मिलकर प्रयास किए हैं। दोनों विभागों ने मिलकर एक संयुक्त योजना बनाई है, जिसके तहत काशी के पशु आश्रय केंद्रों में गायों के लिए काऊ कोट, गर्म आहार और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि गायों को समुचित देखभाल मिले और उन्हें ठंड से बचाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं।

निराश्रित गायों का कल्याण

काशी में निराश्रित गायों की संख्या बढ़ती जा रही है, और उन्हें ठंड में खुला छोड़ देना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में, काशी के पशु आश्रय केंद्रों का महत्व बढ़ जाता है। यहां रखी गई गायों को न केवल सुरक्षा मिलती है, बल्कि उनका शारीरिक और मानसिक कल्याण भी सुनिश्चित किया जाता है। काऊ कोट पहनने के बाद, ये गायें सर्दी से बच सकेंगी और उन्हें ठंड से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होगा।

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गायों के संरक्षण में प्रशासन की भूमिका

गायों के कल्याण के लिए काशी के प्रशासन का कदम सराहनीय है। इस पहल से यह भी साबित होता है कि काशी, जहां भगवान शिव का वास है, वहां के लोग और प्रशासन केवल मानवता तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पशु कल्याण में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। काशी के मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास रहने वाली गायों का ध्यान रखने के लिए यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

आश्रय केंद्रों में अन्य सुविधाएं

पशु आश्रय केंद्रों में गायों के लिए काऊ कोट की व्यवस्था के अलावा, अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। आश्रयों पर तिरपाल लगाएं गए है। इन केंद्रों में गायों को अच्छा आहार, स्वच्छ पानी और चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इसके साथ ही, इन केंद्रों में विशेषज्ञ veterinarians की नियुक्ति की जाएगी, जो गायों के स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे और किसी भी बीमारी के इलाज के लिए तुरंत कदम उठाएंगे।

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