RS Shivmurti

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी: इस दिन न करें ये गलतियां, व्रत के नियमों का रखें विशेष ध्यान

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
खबर को शेयर करे

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार यह शुभ तिथि 18 दिसंबर को पड़ी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। विशेष रूप से इस दिन व्रत और दान-पुण्य का महत्व होता है।

RS Shivmurti

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर व्रत का महत्व

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखना बेहद फलदायी माना गया है। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश इस दिन अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उनके जीवन के कष्टों को हर लेते हैं। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

क्या करें अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन

  • गणेश जी की पूजा-अर्चना करें:
    इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर उनकी पूजा करें। उन्हें लाल पुष्प, दूर्वा, मोदक, गुड़ और चावल चढ़ाएं।
  • व्रत का पालन करें:
    इस दिन निराहार रहकर व्रत रखने का नियम है। हालांकि, यदि स्वास्थ्य कारणों से निराहार नहीं रह सकते तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।
  • दान-पुण्य करें:
    संकष्टी चतुर्थी के दिन जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। वस्त्र, अन्न, फल और दक्षिणा का दान करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य दें:
    चतुर्थी के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें।
इसे भी पढ़े -  रामनगरी से विश्वनाथनगरी तक चलेंगी डबल डेकर बसें, परिवहन विभाग ने बनाया प्लान

क्या न करें अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन

  • अपशब्द और क्रोध से बचें:
    इस दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द कहना या क्रोध करना अशुभ माना जाता है। गणेश जी विनायक हैं और वे शांत स्वभाव को पसंद करते हैं।
  • किसी का अपमान न करें:
    गणेश जी को सादगी और विनम्रता पसंद है। इस दिन किसी का अपमान या तिरस्कार करने से भगवान गणेश नाराज हो सकते हैं।
  • मांसाहार और नशा न करें:
    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन मांसाहार और नशे का सेवन पूरी तरह वर्जित है। इस दिन शुद्ध और सात्विक आहार का ही पालन करें।
  • झूठ और छल-कपट से बचें:
    भगवान गणेश को सत्य और ईमानदारी पसंद है। इस दिन किसी भी प्रकार के झूठ या छल-कपट से बचना चाहिए

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। यह व्रत भगवान गणेश को प्रसन्न करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी तिथि और समय

  • चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 18 दिसंबर 2024 को सुबह 10:43 बजे।
  • चतुर्थी तिथि का समापन: 19 दिसंबर 2024 को सुबह 10:02 बजे।

इस प्रकार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा।

ब्रह्म मुहूर्त का समय

इस दिन व्रत और पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय इस प्रकार है:

सुबह 05:19 बजे से सुबह 06:04 बजे तक।

Jamuna college
Aditya