चंदौली: चंदौली जिले को लंबे इंतजार के बाद अंततः अंतरराज्यीय बस अड्डे की मंजूरी मिल गई है। करीब 26 साल से परिवहन सेवा से वंचित चंदौली के लोगों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। छह महीने से बस अड्डे के प्रस्ताव को जमीन की कमी के कारण रोका गया था, लेकिन अब इसे तेजी से पूरा करने की योजना बनाई गई है। परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार, अगले साल से 80-100 बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
1997 में जिले का गठन, लेकिन सुविधाओं का अभाव
1997 में चंदौली जिले के गठन के बाद से बुनियादी सुविधाओं के विकास में लगातार कमी रही है। चंदौली के नाम से डिपो तो है, लेकिन इसका संचालन वाराणसी के गोल गड्डा से होता है, जहां से अभी 39 बसें चलती हैं। बस डिपो बनने के बाद लोगों को स्थानीय स्तर पर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, और बसों का संचालन अंतरप्रांतीय स्तर पर भी किया जाएगा।
2016 में शुरू हुई थी योजना, अब पूरा होने की ओर
जनपदवासी कई वर्षों से बस अड्डे की मांग कर रहे थे। 2016 में कटसिला गांव में 2.7 एकड़ जमीन पर भूमि पूजन हुआ था, लेकिन तब से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे के प्रयास से चंदौली के बिछियां में कृषि विभाग की 4 एकड़ जमीन को बस अड्डे के लिए प्रस्तावित किया गया और अब इसे मंजूरी मिल चुकी है।
अगले साल से शुरू होगा बसों का संचालन
उमाशंकर त्रिपाठी, एआरएम, चंदौली डिपो ने जानकारी दी कि बस अड्डे के निर्माण के बाद 80-100 बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। फिलहाल गोलगड्डा से 39 बसें संचालित होती हैं, लेकिन बस अड्डा बनने के बाद यह संख्या बढ़ेगी। इसके अलावा, बस अड्डे के पास वर्कशॉप की भी सुविधा दी जा रही है, जिससे यात्रियों को और अधिक सहूलियत मिलेगी।
परिवहन सेवा में मिलेगा सुधार
नए बस अड्डे के निर्माण के बाद चंदौली से आसपास के जिलों और अन्य राज्यों के लिए बसें आसानी से उपलब्ध होंगी। इससे जिले के लोगों को कम किराए में बेहतर परिवहन सेवाएं प्राप्त होंगी, जिससे उनका जीवन और भी सुगम होगा।