किसानों के लिए आय के नए स्रोत
अनुसूचित जाति किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने सब्जी किसानों को तकनीकी दक्षता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए परसोधा एग्रीमित्रा फार्मर प्रोडूसर कंपनी में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत एक व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के किसानों, महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आधुनिक नर्सरी उत्पादन तकनीकों में प्रशिक्षित करना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना था। संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के 10 वैज्ञानिक सम्मिलित हुए। मुख्य अतिथि एवं फसल सुधार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नागेंद्र राय ने कहा कि यह कार्यक्रम तकनीकी ज्ञान प्रदान करने का माध्यम है जिससे क्षेत्र के सब्जी किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने किसानों से संस्थान द्वारा विकसित उन्नत सब्जी किस्मों को अपनाकर व्यापारिक स्तर पर खेती करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिर्च, टमाटर एवं बैंगन की उन्नत पौधशाला उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण था। इस सत्र में प्रतिभागी किसानों को व्यावहारिक रूप से “करके सीखने की प्रक्रिया” के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। डॉ जागेश तिवारी ने टमाटर की उन्नत किस्मों की खेती, डॉ शैलेश कुमार तिवारी ने बैंगन की वैज्ञानिक खेती एवं डॉ इंदीवर प्रसाद ने मिर्च की खेती के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ. सुदर्शन मौर्या, डॉ सूजन मजूमदार एवं डॉ आत्मा नन्द त्रिपाठी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए किसानों को पूरी प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया। वैज्ञानिकों की टीम ने इस विषय पर व्यापक जानकारी प्रदान करते हुए किसानों को पौधशाला क्यारी प्रबंधन, बीज उपचार और स्वस्थ पौध उत्पादन के लिए कम लागत वाली वानस्पतिक और रासायनिक विधियों के बारे में बताया।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी पी सिंह ने सूक्ष्म जीवों से बीज उपचार की आधुनिक तकनीक के फायदों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे यह तकनीक नर्सरी उत्पादन में गुणवत्ता सुधार और रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने में सहायक है। किसानों को संस्थान द्वारा विकसित मिर्च, टमाटर एवं बैंगन के किस्मों के उन्नत बीज, पोर्ट ट्रे, कोकोपिट, और वर्मीकुलाइट जैसी आवश्यक सामग्रियों का निःशुल्क वितरण भी किया गया। साथ ही साथ सुपर फूड के नाम से विख्यात सहजन के पौधों को भी वितरित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने स्वयं बीज उपचार की प्रक्रिया सीखी और प्रो-ट्रे में बीज की बुवाई का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। यह हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हुई। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. इन्दीवर प्रसाद ने किया तथा इस कार्यक्रम में 60 किसानों ने भाग लिया। इस सफल आयोजन में फार्मर प्रोडूसर कंपनी के डॉ. गोविंद नारायण सिंह एवं लवकुश सतनामी ने भी अहम योगदान दिया।