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अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सागर

वाराणसी। भगवान सूर्य को समर्पित लोक आस्था के महापर्व छठ पर सोमवार की शाम वाराणसी के गंगा घाटों पर भव्य और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर उमड़ पड़ी। महिलाओं ने परिवार के साथ कमर भर गंगा जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। दोपहर से ही श्रद्धालुओं अपने सर पर पूजा की दउरा रख कंधे पर गन्ने को लेकर मंगल गीत गाते हुए ढोल नगाड़े के साथ घाट की ओर बढ़ने लगे। वहीं कुछ महिलाएं अपने घर से दंडवत प्रणाम करते हुए गंगा घाट तक पहुचे। लोग अस्सी घाट, गंगा महल घाट, तुलसी घाट, जानकी घाट, निषादराज घाट, चेतसिंह घाट और शिवाला घाट, हनुमान घाट, केदार घाट, रविदास घाट, सामनेघाट, जज गेस्ट हाउस पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। शाम होते-होते पूरा तट दीपों, फल-फूलों और वेदियों की सजावट से जगमगा उठा। भक्तिमय माहौल में ‘जय छठी मइया’ के गीतों और लोकभजनों की गूंज सुनाई दी। जैसे ही आसमान में अस्ताचलगामी सूर्य की लालिमा झलकी, सभी घाटों पर एक साथ व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया। इस दौरान घाटों पर उपस्थित लोगों ने भी श्रद्धापूर्वक जल अर्पित कर प्रणाम किया। प्रशासन की ओर से घाटों पर सुरक्षा और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गई थी। महिला पुलिस बल के साथ गोताखोरों और एनडीआरएफ टीमों को भी तैनात किया गया था। मंगलवार की सुबह व्रती महिलाएं उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पारण करेंगी, जिसके साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व का समापन होगा।

अत्यधिक भीड़ के कारण नेटवर्क स्लो

छठ महापर्व पर गंगा घाटों पर अचानक से अत्यधिक भीड़ होने के कारण मोबाइल के नेटवर्क स्लो हो गया। जिससे घाट पर मौजूद लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घाट पर लोग अपने परिजनों से बिछड़ने के बाद उन्हें कॉल नही कर पाए।

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