
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट से पहले X पर पोस्ट किया। लिखा-यूपी का बजट चाहे 7 लाख करोड़ का हो या 8 लाख करोड़ का… सवाल यही रहेगा कि 90% जनता के लिए मतलब PDA के लिए उसमें क्या है।
दरअसल, भाजपा की नीति आम जनता विरोधी है, वो 10% संपन्न लोगों के लिए 90% बजट रखती है और 90% जरूरतमंद जनता के लिए केवल नाममात्र का 10% बजट। उप्र की भाजपा सरकार आँकड़ों में न उलझाए। सीधी बात ये बताए…
- इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी।
- कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- सही में अपराध और भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर कितना खर्च किया जाएगा।
- मंदी और जीएसटी की मार झेल रहे काम-कारोबार और दुकानदारी को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रावधान है।
- किसान की बोरी की चोरी रुकेगी या नहीं, फसल का सही दाम व किसानों की आय दुगुनी होगी या नहीं।
- मजदूर-श्रमिक को मेहनत की सही कीमत मिलेगी या नहीं।
- महिलाओं को बेखौफ घर से निकलने की आजादी देने के लिए अपराधियों पर नियंत्रण के लिए जगह-जगह सीसीटीवी लगेंगे या नहीं।
- कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी या नहीं।
- अच्छी दवाई, पढ़ाई लिए कितना आवंटन है।
- पानी घर पहुंचाने और शौचालयों को सुचारू रूप से चलाने की योजना के लिए दिखावटी प्रावधान कितना है।
- और हां गोरखपुर में बरसात में नाव चलाने व गोरखपुरवासियों को तैरने का मुफ्त प्रशिक्षण देने के लिए कितना प्रावधान किया गया है।
- बिजली के नए प्लांटों के लिए कितना बजट है।
- नई सड़कें तो छोड़िए, बस इतना और बता दें कि सड़कों के गड्ढे भरने का बजट में कोई प्रावधान है या नहीं।
(झूठे दावों के दिखावटी प्रचार के लिए आपकी भाजपा सरकार ने कितना प्रावधान है। कृपया इसकी मोटी फाइल अलग से जनता के सामने रखें)