
वाराणसी। जिले में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालयों में 4 अक्टूबर 2025 को छात्रों की भौतिक उपस्थिति नहीं होगी। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों और प्रधानाचार्याओं को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार, यह निर्णय जिले के सभी राजकीय विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों, मान्यता प्राप्त विद्यालयों, सीबीएसई तथा आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध सभी संस्थानों पर लागू होगा। छात्रों को घर पर ही रहकर ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि मौसम जनित किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
लगातार कई घंटे से हो रही बारिश ने शहर के कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जलभराव की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई क्षेत्रों में घुटनों तक पानी भर गया। कैंट, नदेसर, कचहरी, भोजूबीर, चेतगंज, हथुआ मार्केट और मंडुआडीह जैसे प्रमुख इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गईं। कई दुकानों और मकानों में पानी घुसने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई। व्यापारी वर्ग को भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जबकि आमजन को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून भले ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों से वापस लौट चुका है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब क्षेत्र अभी भी सक्रिय है। साथ ही, अक्तूबर की शुरुआत में एक और निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना जताई जा रही है। इन मौसमीय परिस्थितियों के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से वाराणसी में मानसून की वापसी फिलहाल टल गई है। अगले कुछ दिनों तक रुक-रुक कर बारिश जारी रहने का अनुमान है, जिससे जनजीवन पर और असर पड़ सकता है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें और जलभराव वाले इलाकों में विशेष सावधानी बरतें। नगर निगम की टीमें जल निकासी कार्य में जुटी हैं, ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।